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वाराणसी। भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 99वीं जयंती शुक्रवार को दरगाह-ए-फातमान स्थित उनके रौजे पर मनाई जाएगी। बिस्मिल्लाह खां फाउंडेशन के तत्वावधान में उनके रौजे पर दुआख्वानी और फातिहाख्वानी का आयोजन किया जाएगा। फज्र की नमाज के बाद कुरानख्वानी भी होगी। रौजे पर फूलों की चादर चढ़ाई जाएंगी तो उन्हें खिराज-ए-अकीदत पेश करने के लिए दूर दराज से लोग पहुंचेंगे।
21 मार्च 1916 को बिहार के डुमरांव में जन्मे बिस्मिल्लाह खां ने महज बीस बरस की कच्ची उम्र में 1937 में कलकत्ता की आल इंडिया म्यूजिक कांफ्रेंस में शहनाई बजाकर जिस जय यात्रा की शुरुआत की थी उसकी इंतिहा न तो हुई है, न हो सकती है। बावजूद इसके अभी उनकी याद में बनारस में न तो उनका मकबरा ही बन सका और ना ही उनके नाम से एकेडमी की शुरुआत हो सकी जिसकी घोषणा प्रदेश सरकार ने कई वर्षों पहले की थी। आज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 99वीं जयंती मनाई जाएगी। एक बार फिर से उनके रौजे पर पहुंचने वाला प्रशासनिक अमला और राजनीतिक पार्टियों के नेता इस बात का दम भरेंगे। फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी मुर्तजा अब्बास शमसी और संरक्षक सदस्य आफाक हैदर ने बताया कि उस्ताद की जयंती पर भारतरत्न को खिराज-ए-अकीदत पेश करने के लिए दूर दराज से लोग यहां पहुंचते हैं। उनका कहना है कि उस्ताद की याद में पिछले साल उनकी जयंती पर जिलाधिकारी ने उनके नाम से एकेडमी और म्यूजियम खोले जाने की बात कही थी, लेकिन एक साल बाद भी ये जमीनी स्तर पर हकीकत लेता नजर नहीं आया।
वाराणसी। भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 99वीं जयंती शुक्रवार को दरगाह-ए-फातमान स्थित उनके रौजे पर मनाई जाएगी। बिस्मिल्लाह खां फाउंडेशन के तत्वावधान में उनके रौजे पर दुआख्वानी और फातिहाख्वानी का आयोजन किया जाएगा। फज्र की नमाज के बाद कुरानख्वानी भी होगी। रौजे पर फूलों की चादर चढ़ाई जाएंगी तो उन्हें खिराज-ए-अकीदत पेश करने के लिए दूर दराज से लोग पहुंचेंगे।
21 मार्च 1916 को बिहार के डुमरांव में जन्मे बिस्मिल्लाह खां ने महज बीस बरस की कच्ची उम्र में 1937 में कलकत्ता की आल इंडिया म्यूजिक कांफ्रेंस में शहनाई बजाकर जिस जय यात्रा की शुरुआत की थी उसकी इंतिहा न तो हुई है, न हो सकती है। बावजूद इसके अभी उनकी याद में बनारस में न तो उनका मकबरा ही बन सका और ना ही उनके नाम से एकेडमी की शुरुआत हो सकी जिसकी घोषणा प्रदेश सरकार ने कई वर्षों पहले की थी। आज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 99वीं जयंती मनाई जाएगी। एक बार फिर से उनके रौजे पर पहुंचने वाला प्रशासनिक अमला और राजनीतिक पार्टियों के नेता इस बात का दम भरेंगे। फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी मुर्तजा अब्बास शमसी और संरक्षक सदस्य आफाक हैदर ने बताया कि उस्ताद की जयंती पर भारतरत्न को खिराज-ए-अकीदत पेश करने के लिए दूर दराज से लोग यहां पहुंचते हैं। उनका कहना है कि उस्ताद की याद में पिछले साल उनकी जयंती पर जिलाधिकारी ने उनके नाम से एकेडमी और म्यूजियम खोले जाने की बात कही थी, लेकिन एक साल बाद भी ये जमीनी स्तर पर हकीकत लेता नजर नहीं आया।