वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से जुड़े कई कालेज शिक्षक व छात्र के अनुपात के मानक में फंस गए हैं। कई कालेजों में शिक्षकों के पद लंबे अरसे से रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में एक शिक्षक पर 60 सीट के मानक का अनुपालन किया गया तो निर्धारित स्नातक व स्नातकोत्तर में सीटें कम करनी होंगी। विद्यापीठ प्रशासन ने सभी संबद्ध महाविद्यालयों को निर्देश दिया है कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन के तहत यूजीसी के मानक के अनुरूप एक शिक्षक पर 60 सीटों के अनुपात में ही प्रवेश लिया जाय। यदि इस अनुपात से अधिक दाखिला लिया गया तो उस संस्था प्रमुख के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे।
दूसरी ओर तमाम कालेजों ने पहले से निर्धारित सीटों के सापेक्ष आवेदन पत्र मांग लिया है। जबकि इन कालेजों में स्वीकृत पदों के सापेक्ष कई अध्यापक सेवानिवृत्त हुए हैं। ऐसे में अनुपात के मानक पूरा करने में कठिनाई आ रही है। इस मामले में विद्यापीठ से जुड़े कालेज प्राचार्य परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डा. उदयन मिश्र के नेतृत्व में बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल कुलपति डा. पृथ्वीश नाग से मिला और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। साथ ही समाधान निकालने का अनुरोध भी किया। कुलपति ने मानक पूरा करने का संकल्प दोहराया और इसके लिए उन्होंने प्राचार्यों से सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवा लेने को भी कहा है। उधर, राजकीय व अनुदानित कालेजों के सामने समस्या यह है कि इन शिक्षकों को मानदेय का कहां से भुगतान किया जाय?
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से जुड़े कई कालेज शिक्षक व छात्र के अनुपात के मानक में फंस गए हैं। कई कालेजों में शिक्षकों के पद लंबे अरसे से रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में एक शिक्षक पर 60 सीट के मानक का अनुपालन किया गया तो निर्धारित स्नातक व स्नातकोत्तर में सीटें कम करनी होंगी। विद्यापीठ प्रशासन ने सभी संबद्ध महाविद्यालयों को निर्देश दिया है कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन के तहत यूजीसी के मानक के अनुरूप एक शिक्षक पर 60 सीटों के अनुपात में ही प्रवेश लिया जाय। यदि इस अनुपात से अधिक दाखिला लिया गया तो उस संस्था प्रमुख के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे।
दूसरी ओर तमाम कालेजों ने पहले से निर्धारित सीटों के सापेक्ष आवेदन पत्र मांग लिया है। जबकि इन कालेजों में स्वीकृत पदों के सापेक्ष कई अध्यापक सेवानिवृत्त हुए हैं। ऐसे में अनुपात के मानक पूरा करने में कठिनाई आ रही है। इस मामले में विद्यापीठ से जुड़े कालेज प्राचार्य परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डा. उदयन मिश्र के नेतृत्व में बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल कुलपति डा. पृथ्वीश नाग से मिला और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। साथ ही समाधान निकालने का अनुरोध भी किया। कुलपति ने मानक पूरा करने का संकल्प दोहराया और इसके लिए उन्होंने प्राचार्यों से सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवा लेने को भी कहा है। उधर, राजकीय व अनुदानित कालेजों के सामने समस्या यह है कि इन शिक्षकों को मानदेय का कहां से भुगतान किया जाय?