परियर (उन्नाव)। भदई अमावस्या पर स्थानीय गंगा तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। तट पर मौजूद पुरोहितों से कथा सुन श्रद्धालुओं ने गंगा की पूजा अर्चना की। लौटते समय प्राचीन मंदिर बाबा बलखंडेश्वर में जलाभिषेक कर देवी देवताओं के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। मंदिर परिसर में चल रहे आल्हा का भी आनंद लिया।
क्षेत्र के बृम्हावर्त गंगा तट पर 44 घाटों पर गंगा स्नान करने की व्यवस्था राजस्व विभाग ने की थी। श्रद्धालुओं के जत्थे गुरुवार शाम से ही आकर स्थानीय महर्षि बाल्मीकि आश्रम, बलखंडेश्वर मंदिर परिसर व गंगा तट पर डेरा जमाने लगे थे। रात भर श्रद्धालुओं ने कीर्तन भजन किया। उसके बाद प्रात: ब्रह्म मुहूर्त से ही गंगा स्नान करना प्रारंभ कर दिया था। श्रद्धालुओं ने गंगा की पूजा कर दान दक्षिणा देकर मनोकामनाएं मांगी। लौटते समय बलखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक कर दुर्गा मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, रामजानकी मंदिर, आनंदीमाता, हनुमान मंदिर व जानकी कुण्ड आश्रम में स्थित मंदिरों के दर्शन किए। लगभग चार किलोमीटर तक लगे मेले में तरह तरह की दुकानें लगी थीं। मेले में शांति व्यवस्था रखने के लिए राजस्व विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गुरुवार से ही तैनात थे। मेले में बलखंडेश्वर सेवा समिति की ओर से दो पौशाला लगाई गई थीं।
परियर (उन्नाव)। भदई अमावस्या पर स्थानीय गंगा तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। तट पर मौजूद पुरोहितों से कथा सुन श्रद्धालुओं ने गंगा की पूजा अर्चना की। लौटते समय प्राचीन मंदिर बाबा बलखंडेश्वर में जलाभिषेक कर देवी देवताओं के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। मंदिर परिसर में चल रहे आल्हा का भी आनंद लिया।
क्षेत्र के बृम्हावर्त गंगा तट पर 44 घाटों पर गंगा स्नान करने की व्यवस्था राजस्व विभाग ने की थी। श्रद्धालुओं के जत्थे गुरुवार शाम से ही आकर स्थानीय महर्षि बाल्मीकि आश्रम, बलखंडेश्वर मंदिर परिसर व गंगा तट पर डेरा जमाने लगे थे। रात भर श्रद्धालुओं ने कीर्तन भजन किया। उसके बाद प्रात: ब्रह्म मुहूर्त से ही गंगा स्नान करना प्रारंभ कर दिया था। श्रद्धालुओं ने गंगा की पूजा कर दान दक्षिणा देकर मनोकामनाएं मांगी। लौटते समय बलखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक कर दुर्गा मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, रामजानकी मंदिर, आनंदीमाता, हनुमान मंदिर व जानकी कुण्ड आश्रम में स्थित मंदिरों के दर्शन किए। लगभग चार किलोमीटर तक लगे मेले में तरह तरह की दुकानें लगी थीं। मेले में शांति व्यवस्था रखने के लिए राजस्व विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गुरुवार से ही तैनात थे। मेले में बलखंडेश्वर सेवा समिति की ओर से दो पौशाला लगाई गई थीं।