उन्नाव। गांवों में अब बीपीएल परिवारों को ही नहीं एपीएल परिवारों को भी शौचालय उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्र सरकार की 2022 तक पूरे देश को निर्मल भारत बनाने की योजना में प्रदेश सरकार ने दस प्रतिशत एपीएल परिवारों को भी शामिल किया है। इन परिवारों को शौचालय बनाने के लिए 10 हजार रुपया प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिला पंचायत राज विभाग गांवों के एपीएल लाभार्थियों की सूची तैयार कर रहा है। चुने गए परिवारों को शौचालय बनवाने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
देश के सभी ग्रामीण परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने निर्मल भारत 2022 परिकल्पना तैयार की है। इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें गांवोें में बसने वाले बीपीएल परिवारों को शौचालय निर्माण मेें सहायता उपलब्ध कराती है। प्रदेश सरकार ने भी केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम बनाने का संकल्प लिया है। प्रदेश सरकार इन ग्राम पंचायतों में बीपीएल परिवारों के अलावा कुल एपीएल परिवारों के दस प्रतिशत परिवारोें को शौचालय बनवाने के लिए प्रोत्साहन राशि मुहैया कराएगी। मालूम हो कि डा. अंबेडकर ग्रामों में एक बीपीएल परिवार को शौचालय बनवाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 2200 रुपया राज्य सरकार से 1000 रुपया और 2040 रुपया विशेष प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता था। 5540 रुपये की लागत से बनने वाले शौचालय के लिए 300 रुपया लाभार्थी को भी लगाना पड़ता था। अन्य ग्राम सभाओं के बीपीएल परिवारों को राज्य सरकार विशेष प्रोत्साहन राशि नहीं उपलब्ध कराती थी। प्रदेश सरकार इन सभी ग्रामों के एपीएल परिवारों के 10 प्रतिशत परिवारों को शौचालय बनवाने के लिए अब 10 हजार रुपया विशेष प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराएगी। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम की जिला समन्वयक पूनम द्विवेदी ने बताया कि एपीएल परिवारों के चयन के लिए पांच बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इन बिंदुओं के आधार पर चयनित परिवारों की सूची केंद्र व राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है। चुने गए दस प्रतिशत परिवारों को शौचालय बनवाने के लिए सरकार 10 हजार रुपया मुहैया कराएगी।
अर्हता के मानक
1. ऐसे परिवार जिनका नाम बीपीएल सूची में नहीं है लेकिन अनुसूचित जाति, जनजाति में आते हैं।
2. ऐसे विकलांग बीपीएल श्रेणी मेें नहीं हैं।
3. ऐसे परिवार जो बीपीएल श्रेणी में नहीं आते हैं लेकिन मुखिया महिला है।
4. भारत सरकार के मानकों के अनुसार भूमिहीन है लेकिन बीपीएल सूची में नहीं है।
5. लघु और सीमांत किसान जिनका नाम बीपीएल सूची में नहीं है।
उन्नाव। गांवों में अब बीपीएल परिवारों को ही नहीं एपीएल परिवारों को भी शौचालय उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्र सरकार की 2022 तक पूरे देश को निर्मल भारत बनाने की योजना में प्रदेश सरकार ने दस प्रतिशत एपीएल परिवारों को भी शामिल किया है। इन परिवारों को शौचालय बनाने के लिए 10 हजार रुपया प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिला पंचायत राज विभाग गांवों के एपीएल लाभार्थियों की सूची तैयार कर रहा है। चुने गए परिवारों को शौचालय बनवाने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
देश के सभी ग्रामीण परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने निर्मल भारत 2022 परिकल्पना तैयार की है। इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें गांवोें में बसने वाले बीपीएल परिवारों को शौचालय निर्माण मेें सहायता उपलब्ध कराती है। प्रदेश सरकार ने भी केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम बनाने का संकल्प लिया है। प्रदेश सरकार इन ग्राम पंचायतों में बीपीएल परिवारों के अलावा कुल एपीएल परिवारों के दस प्रतिशत परिवारोें को शौचालय बनवाने के लिए प्रोत्साहन राशि मुहैया कराएगी। मालूम हो कि डा. अंबेडकर ग्रामों में एक बीपीएल परिवार को शौचालय बनवाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 2200 रुपया राज्य सरकार से 1000 रुपया और 2040 रुपया विशेष प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता था। 5540 रुपये की लागत से बनने वाले शौचालय के लिए 300 रुपया लाभार्थी को भी लगाना पड़ता था। अन्य ग्राम सभाओं के बीपीएल परिवारों को राज्य सरकार विशेष प्रोत्साहन राशि नहीं उपलब्ध कराती थी। प्रदेश सरकार इन सभी ग्रामों के एपीएल परिवारों के 10 प्रतिशत परिवारों को शौचालय बनवाने के लिए अब 10 हजार रुपया विशेष प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराएगी। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम की जिला समन्वयक पूनम द्विवेदी ने बताया कि एपीएल परिवारों के चयन के लिए पांच बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इन बिंदुओं के आधार पर चयनित परिवारों की सूची केंद्र व राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है। चुने गए दस प्रतिशत परिवारों को शौचालय बनवाने के लिए सरकार 10 हजार रुपया मुहैया कराएगी।
अर्हता के मानक
1. ऐसे परिवार जिनका नाम बीपीएल सूची में नहीं है लेकिन अनुसूचित जाति, जनजाति में आते हैं।
2. ऐसे विकलांग बीपीएल श्रेणी मेें नहीं हैं।
3. ऐसे परिवार जो बीपीएल श्रेणी में नहीं आते हैं लेकिन मुखिया महिला है।
4. भारत सरकार के मानकों के अनुसार भूमिहीन है लेकिन बीपीएल सूची में नहीं है।
5. लघु और सीमांत किसान जिनका नाम बीपीएल सूची में नहीं है।