उन्नाव। सामाजिक आर्थिक और जातीय जनगणना का कार्य शुक्रवार को शुरू हो गया। जिले की पंाच तहसीलों पर अधिकारियों ने जनगणना की कैटालागिंग का कार्य शुरू कर दिया। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित सफीपुर के दस गांवों में प्रगणकों ने सामाजिक आर्थिक जनगणना का कार्य शुरू किया। जिला प्रशासन ने 350 प्रगणकों को टेबलेट पीसी जारी किए हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सामाजिक स्तर के निचले पायदान पर जी रहे परिवारों को हासिल हो इसके लिए सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना कराई जा रही है। इससे पहले अप्रैल 2010 से सितंबर 2010 में मकान सूचीकरण कराया गया था। 09 फरवरी से 28 फरवरी 2011 तक राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर और 1 से 5 मार्च 2011 में बेघर परिवारों की जनगणना की जा चुकी है। इन्हीं तीन चरणों में हुई जनगणना को अपडेट करने के लिए शासन की ओर से सामाजिक आर्थिक और जातीय जनगणना करवाई जा रही है। इसके तहत संक्षिप्त मकानों की सूची के साथ टेबलेट पीसी के माध्यम से डेट फीड किया जाना है। परियोजना निदेशक डीआरडीए जावेद अख्तर जैदी ने बताया कि सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना सबसे पहले जिले के बाढ़ ग्रस्त इलाकाें में कराई जानी है। इसलिए सबसे पहले सफीपुर तहसील के बाढ़ ग्रस्त गांवों में जनगणना शुरू कराई गई है। बताया कि शुक्रवार को जिले की पांचों तहसीलों पर प्रगणकों ने संक्षिप्त मकान सूची बनाना शुरू कर दी है। जिले को 350 टेबलेट पीसी प्राप्त हुए हैं। सफीपुर तहसील बाढ़ग्रस्त क्षेत्र होने के कारण यहां 115, बाकी चार तहसीलों में 235 टेबलेट पीसी दिए गए हैं। बताया कि सफीपुर के बाद बाढ़ग्रस्त क्षेत्र बीघापुर में प्राथमिकता के आधार पर सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना शुरू कराई जाएगी।