उन्नाव। दबंगों, बिचौलियों की धमकियों और सीएम के दौरे के बाद अफसरों की बढ़ी सख्ती से ज्यादातर गेहूं क्रय केंद्रों के प्रभारी खौफजदा हैं। किसी सख्त कार्रवाई के भय से वह निलंबित होने की जुगाड़ में लग गए हैं। कई केंद्र सुनसान इलाकों में खुले हैं। इससे प्रभारियों में असुरक्षा की भावना है।
जिले में कुल 69 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद चल रही है। इनमें विपणन विभाग के 6, पीसीएफ के 24, यूपी एग्रो के 10, एसएफसी के 16, कर्मचारी कल्याण निगम के सात, यूपीएसएस के चार व नैफेड के दो केंद्र हैं। इनमें से करीब एक दर्जन से अधिक क्रय केंद्र प्रभारी निलंबित होने के लिए विभागीय उच्चाधिकारियों की जीहुजूरी करने में जुटे हैं। सूत्रों के अनुसार ज्यादातर क्रय केंद्रों पर दबंग और बिचौलिए हावी हैं। मनमानी खरीद न करने पर वह केंद्र प्रभारियों को धमकियां देते हैं। इसके अलावा सीएम के औचक निरीक्षण के बाद से अधिकारियों के छापामार अभियान में तेजी आ गई है। एसडीएम व तहसीलदार रोज क्रय केंद्रों पर पहुंचकर खरीद का जायजा ले रहे हैं। जरा सी कमी मिलने पर केंद्र प्रभारी पर ही कार्रवाई की जा रही है। इधर कुछ दिनों में 4-5 केंद्र प्रभारी नप चुके हैं। एफआईआर तक दर्ज हो चुकी है। दबंगों और अधिकारियों की सख्ती से परेशान कई प्रभारियों ने केंद्रों पर जाना छोड़ दिया है। भगवंतनगर स्थित एक केंद्र के प्रभारी ने बताया कि सभी प्रभारी खासे तनाव में चल रहे हैं। ऐसी तनाव भरी नौकरी करने से कोई फायदा नहीं है। प्रशासनिक अफसरों के निरीक्षण में खामी मिलती है तो सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाती है। केन्द्र पर दबंग खरीद के लिए दबाव डालते हैं। ऐसे में एक ही रास्ता है कि निलंबित हो जाएं। कम से कम घर बैठकर एक तिहाई सैलरी तो मिलेगी। इस तरह से जान तो बचेगी ही एफआईआर से भी बच जाएंगे।