बांगरमऊ (उन्नाव)। स्थानीय कृषि उत्पादन मंडी यार्ड स्थित सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर मंगलवार को प्रशासन की सख्ती का असर साफ दिखाई दिया। तीनों क्रय केेंद्रों पर सुबह से ही तौल होती रही। हालांकि सरकार द्वारा पंजीकृत आढ़तियों ने अब तक एक भी दाना गेहूं नहीं खरीदा है।
एसडीएम तथा मंडी प्रशासन जगदीश सिंह सुबह यार्ड आ पहुंचे। उन्होंने बारी-बारी से टोकन रजिस्टरों को चेक किया। बाद में लाइन में लगे किसानों से पूछताछ की तो पता चला कि आरएफसी केंद्र पर ग्राम कबीरपुर निवासी रामलखन व गया प्रसादे करीब 9 दिनों से बिक्री की बाट जोह रहे हैं। इसी प्रकार शिवबक्सखेड़ा के रामरती, सूघर व रामू भी गेहूं बिक्री के लिए यार्ड की फर्श पर पिछले चार दिनों से भूखे-प्यासे पड़े हैं। इसी तरह पीसीएफ और राज्य कर्मचारी कल्याण निगम केेंद्रों पर भी कई किसान कई दिनों से बिक्री की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उपजिलाधिकारी ने वरिष्ठ विपणन निरीक्षक राजीव कुमार को निर्देश दिए कि तुरंत सभी किसानों को टोकन जारी करें। इसके अलावा एसडीएम श्री सिंह ने सभी केंद्र प्रभारियों को जल्द इलेक्ट्रानिक कांटा रखे जाने का निर्देश दिया है। पंजीकृत तथा सरकार से नियुक्त आढ़तियों ने कसानों के टोकन वापस कर दिए। स्थानीय जयदेवी इंडस्ट्रीज के मुनीम ने बताया कि गेहूं की लोडिंग-अनलोडिंग तथा हैंडलिंग मेें काफी खर्च आ रहा है। इसके अलावा प्रति ट्रक हजारों रुपए सुविधा शुल्क भी देना पड़ सकता है।
कोतवाल ने की छापेमारी
बांगरमऊ (उन्नाव)। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सोमवार को कोतवाली प्रभारी सूबेदार सिंह यादव ने स्थानीय कृषि उत्पादन मंडी यार्ड में स्थित सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर छापा मारा। पुलिस को देखकर बिचौलिये गेहूं का चट्टा छोड़कर भाग खड़े हुए। पुलिस अधीक्षक जे रविंदर गौड़ ने बीते शनिवार को जिले के सभी थाना और कोतवाली प्रभरियों को निर्देश दिया था कि क्रय केेंद्रों पर मौजूद दबंग बिचौलियों को तुरंत दबोचें। इसी निर्देश के तहत कोतवाली प्रभारी श्री यादव दलबल के साथ मंडी यार्ड जा धमके। पुलिस को देखकर क्रय केंद्रों पर मौजूद करीब आधा दर्जन बिचौलिये नौ दो ग्यारह हो गए। लेकिन पुलिस अथवा प्रशासन द्वारा इन बिचौलियों का सैकड़ों कुंतल गेहूं जब्त नहीं किया जा सका।