उन्नाव। देश-विदेश के मंचों पर उन्नाव का परचम फहराने वाले हास्य व्यंग्य के पुरोधा काका बैसवारी हैलट अस्पताल की अव्यवस्थाओं से घबराते हैं। उन्नाव के जिला अस्पताल में इलाज की समुचित व्यवस्था न होने के बावजूद वह हैलट रेफर नहीं होना चाहते। चिकित्सक उनके इलाज में लगे हैं। गुरुवार को उन्हें एक यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया। एक यूनिट आज चढ़ाया जाएगा। काका को उम्मीद है कि जिस तरह लोगों का स्नेह मिल रहा है वह इसी अस्पताल में ठीक हो जाएंगे। काका बैसवारी करीब डेढ़ वर्ष से बिस्तर पर हैं। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी तो है ही, बिस्तर पर पड़े-पड़े हालत और खराब हो गई है। जिला अस्पताल के सीएमएस के अनुसार काका को जिस तरह की ट्रीटमेंट चाहिए वैसी सुविधाएं यहां नहीं है। किंतु काका जिला अस्पताल में ही रहना चाहते हैं। वह जानते हैं कि यहां से उन्हें कानपुर के हैलट अस्पताल ही रेफर किया जाएगा। वह हैलट की अव्यवस्थाओं से बहुत डरते हैं। काका ने अमर उजाला को बताया कि सर्दियों में हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल से हैलट रेफर किया गया था। करीब चार दिन वह हैलट में थे। काका के अनुसार हैलट के जनरल वार्ड में कोई भी सुविधा नहीं है। डाक्टर ठीक से चेकअप करने तक नहीं आते थे। इसके चलते स्वास्थ्य में सुधार न होने के बावजूद वह चार दिन में ही वहां से चले आए थे। तब से गांव के डाक्टरों से इलाज करवा रहे थे। 79 वर्षीय काका को गुरुवार को समाजवादी युवजन सभा के सोनी सिंह परिहार की अगुवाई में संगठन के अखिलेश सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता अनुज निगम ने रक्त दिया। इन दोनों का रक्त काका के खून ए पाजिटिव से मैच कर गया। एक यूनिट रक्त आज काका को चढ़ा दिया और दूसरी यूनिट कल चढ़ाई जाएगी। माध्यमिक शिक्षक संघ के देवेंद्र शर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल रक्तदान के संबंध में सीएमएस से मिला।
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‘मेरे पास समय नहीं है’
उन्नाव। जिला पुरुष अस्पताल के सीएमएस एलडी शुक्ला काका बैसवारी को अस्पताल पर बोझ मानते हैं। बुधवार को फोन पर काका की हालत पूछने पर उन्होंने कहा था कि उनको यहां जबरदस्ती भर्ती कराया गया है। गुरुवार को काका के स्वास्थ्य का हाल पूछने पर उन्होंने कहा कि ‘मेरे पास समय नहीं है’। सीएमएस काका के परिवार पर भी देखभाल न करने और जबरदस्ती जिला अस्पताल में भर्ती कराने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल कर्मियों को उनकी सही देखभाल के आदेश दिए गए हैं।