उन्नाव। मवई ग्राम पंचायत पूर्व प्रधान के युवा भाई वृद्धावस्था तीन साल से वृद्धावस्था पेेंशन ले रहे थे। कई बीघे जमीन के मालिक और लग्जरी वाहनों से चलने वाले लंबरदार पेंशन के लिए कई फर्जी दस्तावेज लगाए थे। विधायक की शिकायत पर बीडीओ ने जांच की जिसमें पोल खुल गई। अब बीडीओ ने पेंशन निरस्त करने की संस्तुति के साथ रिपोर्ट सीडीओ को भेज दी है। हिलौली ब्लाक की ग्राम पंचायत मवई के पूर्व प्रधान राम मिलन सिंह पांच भाई हैं। इनका संयुक्त परिवार है। राममिलन की मां भी गांव के प्रधान रह चुकी हैं। निवर्तमान प्रधान राम विलास लोधी का कामकाज भी वहीं देखते थे। रामविलास के कार्यकाल के दौरान राममिलन के छोटे भाई श्याम मिलन सिंह उर्फ पोपो की वृद्धावस्था पेंशन करवा दी गई, जबकि उनकी उम्र इस समय भी 60 वर्ष नहीं है। श्याम मिलन ने पेंशन की पहली किस्त 27.7.2009 में उठाई। इसके बाद अगली किस्तें 19 अप्रैल 2010, 25 सितंबर 2010 और 9 फरवरी 2011 को उठाईं। पोपो ने पेंशन के लिए बैंक मेें जो दस्तावेज लगाए हैं, उनमें अपनी उम्र 4-8-1958 बताई है। गांव के अस्पताल में ही उम्र प्रमाण पत्र बनवाया गया। सूत्रों के अनुसार जिस समय यह प्रमाण पत्र बना उस समय अस्पताल में डाक्टर का पद रिक्त था। संभावना है कि फार्मासिस्ट से प्रमाण पत्र बनवाया गया होगा। विधायक उदयराज की ओर से इसकी शिकायत की गई थी। इसकी जांच बीडीओ राजेश मिश्रा ने की। बीडीओ ने बताया कि श्याम मिलन का पेंशन खाता मवई स्थित बैंक आफ इंडिया की शाखा में है। यह बैंक जिस भवन में है वह श्याम मिलने के परिवार का ही है। इसके अलावा श्याम मिलने के पास 12 बीघा जमीन है और उनके परिवार में दो लग्जरी चार पहिया गाड़ियां भी हैं। गांव में अन्य संपत्ति भी उनके परिवार के पास है। बीडीओ ने बताया कि जांच में फर्जी तरीके से पेंशन लेने की शिकायत सही मिली है। पेंशन निरस्त करने की संस्तुति के साथ जांच रिपोर्ट सीडीओ के पास भेज दी गई है।