नवाबगंज (उन्नाव)। जेठ माह की तपती दुपहरी में पछुआ हवाओं से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जलस्तर गिरने से क्षेत्र में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। क्षेत्र में स्थापित पानी की टंकियां शोपीस बनकर रह गई हैं। गांवों के माडल तालाब भी अधिकतर सूखे हैं। क्षेत्रीय लोगों ने शासन और प्रशासन से तालाबों को भरवाए जाने और पेयजल व्यवस्था कराए जाने की मांग की है।
विकास खंड की सभी 72 ग्राम पंचायतों में अधिकतर माडल तालाब सूखे हैं। प्यास बुझाने के लिए लगाए गए एक चौथाई से अधिक इंडियामार्का हैंडपंप खराब हैं। इसके चलते पीने के पानी की समस्या को लेकर पूरे क्षेत्र में त्राहि-त्राहि मची हुई है। गांवों में इंडिया मार्का हैंडपंप लग जाने की वजह से गांवों में कुओं का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। गांवों के अधिकांश कुएं कूड़े कचरे से पटे गए हैं। इंडियामार्का हैंडपंपों में मानक के अनुरूप पाइप तथा अन्य उपकरण न डाले जाने की वजह से जलस्तर गिरते ही हैंडपंपों ने काम करना बंद कर दिया है। गर्मी में लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। ताल तलैया सूखने के कारण मवेशियों एवं पक्षियों को भी प्यास बुझाना मुश्किल हो रहा है। समूह पेयजल योजना के तहत स्थापित की गई पानी की टंकियां भी बेमतलब साबित हो रही हैं। पाइप लाइनें ध्वस्त होने के कारण टंकियोें से संपर्कित गांवों में जलापूर्ति संभव नहीं हो पा रही है। क्षेत्रीय लोगों ने शासन और प्रशासन से आम जनमानस व पशु पक्षियों के लिए पेयजल की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है।