उन्नाव। रामचरित मानस की पंक्तियां समरथ को नहीं दोष गोसाईं सोमवार को मियागंज के ब्लाक प्रमुख के अचानक सपा में शामिल होने की घटना के बाद राजनीति के मंच पर फिर चरितार्थ हो गईं। दो दिन पहले बसपाई बलवीर ने सपा और उसके मुखिया को भलाबुरा कहा था। मियांगंज ब्लाक प्रमुख बलवीर यादव बसपा के समर्थन अजीते थे। उनकी जीत के लिए बसपा ने हर हथकंडा अपनाया था। यहां तक कि विरोध में नामांकन करने आए सपा समर्थित प्रत्याशी का पर्चा तक फाड़ दिया गया था। लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ब्लाक प्रमुखों की कुर्सियों पर संकट के बादल मंडराने लगे। नीटू पर सबसे पहले गाज गिरी, फिर नंबर आया सरोसी के राजेश रावत का। सुमेरपुर और मियांगंज में भी अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बीडीसी सदस्यों को धमकियां दी गई। इसी के विरोध में मियां गंज ब्लाक प्रमुख बलवीर यादव ने करीब 60 बीडीसी सदस्यों के साथ जिले के आला अधिकारियों के समक्ष शक्ति प्रदर्शन किया। बलवीर यादव ने ब्लाक परिसर में बीडीसी सदस्यों की बैठक में बसपा की नीतियों का गुणगान करते हुए सपा को गुंडा तत्वों को बढ़वा देने वाली पार्टी कहते हुए सपा मुखिया पर भी जुबानी हमला बोला था। इसके बावजूद सोमवार को जिले के कद्दावर सपा नेताओं ने उनको पार्टी में शामिल करा लिया। सपा विधायक उदयराज के रिश्तेदार बलवीर का यादव होना संजीवनी बन गया। इसी तरह औरास के ब्लाक प्रमुख भी बसपा के करीबी है। बसपा से जुड़ा होने के चलते उनकी प्रमुखी पर सवाल उठने शुरू हो गये थे लेकिन उनका मुस्लिम होना ही सबसे बड़ी ताकत बन गया। वैसे तो उनके खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव की सपाइयों ने पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन आलाकमान ने मना कर दिया। अब उम्मीद जताई जा रही है कि वह भी साइकिल की सवारी कर सकते है।