उन्नाव। जिले के गेहूं क्रय केंद्रों पर जमकर अव्यवस्थाएं चल रही हैं। ऊंचे रसूखवालों व अपनों की उपज को प्राथमिकता के आधार पर खरीदा जा रहा है जबकि गरीब किसान कई-कई दिन केंद्रों के चक्कर लगाने के बाद मायूस होकर लौटने को मजबूर है। शायद ही कोई ऐसा केंद्र हो जहां पर रोजाना किसानों के बीच मुहांचाही न होती हो। कई केन्द्र संवेदनशील की श्रेणी में आ चुके हैं। जिला प्रशासन की लाख कवायद के बाद भी केंद्रों पर किसानों का नहीं बल्कि ऊंची पहुंचवालों का गेहूं खरीदा जा रहा है। केंद्रों पर गेहूं लदे ट्रैक्टर कई दिनों तक खड़े रहते हैं।
जिले में खोले गए 68 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद चल रही है। ज्यादातर केद्रों पर छोटे की जगह बड़े व ऊंची पहुंच वाले किसानों की सुनंवाई हो रही है। भगवंतनगर कस्बे में स्थापित क्रय केन्द्र पर बड़े किसानों को तरजीह दी जा रही है। यहां पर गरीब व निमभन वर्ग के किसानों की उपज को कई-कई दिन तक रोका जाता है। किसान सूर्यप्रकाश, रघुराज लोधी, वासुदेव सिंह, रामराज यादव, मनवीर, राजेंद्र आदि ने बताया कि केंद्र से कई कमियां बताकर वापस किया जा रहा है जबकि ऊंची पहुंचवालों का गेहूं बिना नंबर के खरीदा जा रहा है। इसके अलावा मानक इतने जटिल बना दिए गए हैं जिन्हें पूरा करना मुश्किल हो रहा है। इसी प्रकार औरास के पीसीएफ गेहूं क्रय केंद्र पर व्यापारियों का गेहूं खरीदने, निर्धारित मूल्य के सापेक्ष कम भुगतान करने आदि को लेकर किसान आक्रोशित हैं। स्थानीय ग्रामीणों में रामबहादुर सिंह, शंभूदयाल गोस्वामी, शंकर दयाल, संतराम ने बताया कि सेंटर पर मिश्रीलाल बाबू की तैनाती है लेकिन संचालन गोविंद सिंह करते हैं जो केवल अपनों का ही गेहूं खरीदते हैं। इन ग्रामीणों ने डीएम को शिकायतीपत्र देकर जांच करा कार्रवाई की मांग की है। बीघापुर में बनाए गए केंद्रों पर गरीब किसानों को बोरों की कमी बताकर वापस किया जा रहा है जबकि बिचौलियों की उपज की खरीदारी तेजी के साथ चल रही है। उधर बांगरमऊ व गंजमुरादाबाद में खोले गए ज्यादातर केंद्रों पर क्रय केंद्र प्रभारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत चल रही है। क्षेत्रीय किसानों का गेहूं गंदा व गीला बताकर वापस किया जा रहा है जबकि व्यापारियों की उपज प्राथमिकता के आधार पर खरीदी जा रही है। किसान रामऔतार, भगवानदीन, रामसेवक, बाबूराम आदि ने बताया कि उनके सामने की व्यापारियों का गेहूं बिना टोकन के खरीदा जाता है जबकि उन्हें कभी बारदाना न होने तो कभी कमी बताकर वापस कर दिया जाता है। किसान अवधेश प्रताप सिंह मुन्ना ने बताया कि वह मंडी यार्ड स्थित पीसीएफ केन्द्र पर अपनी उपज बेचने के लिए ले गए थे। लेकिन तीन दिन तक उनके गेहूं की तौल नहीं की गई। उनसे तौल के बदले कमीशन मांगा गया। ज्यादातर केंद्रों पर किसानों के गेहूं लदे ट्रैक्टरों की लाइनें लगी हैं जबकि केन्द्रों पर व्यापारियों और बिचौलियों का गेहूं धड़ल्ले से खरीदा जा रहा है। इससे किसान खासे आक्रोशित हो रहे हैं। शायद यही कारण है कि कई केन्द्रों पर तो लंबे समय से गेहूं के बोरे लदे ट्रैक्टर खड़े हुए हैं। वहीं नवाबगंज के भी क्रय केन्द्रों पर किसानों को पैसा न होने की बात कहकर टरकाया जा रहा है। किसी भी केन्द्र पर मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। पुरवा, मौरावां, सिकन्दरपुर सरोसी, कर्ण आदि में खुले क्रय केन्द्रों पर किसानों को सरकारी समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल रहा है। बिचौलिये हावी हैं।