उन्नाव। प्राइमरी, जूनियर व कस्तूरबा विद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। विद्यालयों के निर्माण कार्य की जानकारी लेने के लिए रविवार को सीडीओ विवेक कुमार व बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार ने जिले के सभी खंड शिक्षाअधिकारियों व निर्माण कार्य करा रहे समाज कल्याण निर्माण निगम व आरईएस के अवर अभियंताओं के साथ जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक की।
जिले में 25 जूनियर विद्यालय, 150 प्राइमरी विद्यालय व किराये की बिल्ंिडगों में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के भवनों को बनवाया जा रहा है। इन भवनों के निर्माण में विभाग के अधिकारियों ने पिछले वर्षों काफी लापरवाही बरती जिसका नतीजा यह रहा कि आज तक किसी भी विद्यालयों के भवनों का कार्य पूरा नहीं किया जा सका। यह भवन समाज कल्याण निर्माण निगम व आरईएस विभाग बनवा रहा है। रविवार को हुई बैठक में सीडीओ व बीएसए ने भवनों के निर्माण के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली जिसमें प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों के भवनों में 60 प्रतिशत निर्माण होने की जानकारी प्राप्त हुई। जिस पर खण्डशिक्षाअधिकारियों को फटकार भी लगाई गई। प्राइमरी व जूनियर के भवनों का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो सके इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी ने 16 मजदूर व आठ मिस्त्रियों से काम करवाने का आदेश दिया। वहीं कस्तूरबा गंाधी आवासीय विद्यालयों की बिल्ंिडगों के संबंध में जानकारी लेने पर पता चला कि अभी भी विद्यालयों की बिल्ंिडगों को पूरा कराने में एक महीने से अधिक का समय लग सकता है। मियागंज पुरवा व सिकंदरपुर सरोसी में बन रहे कस्तूरबा में पीर्ले इंट लगने की जानकारी पर एसडीआई से पूछतांछ की गई। साथ ही निर्देश दिए गए कि यदि भवन निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 20 जून तक हर हाल में विद्यालयों की बिल्ंिडग बन जानी चाहिए। जहां कहीं भी भवनों को बनने में दिक्कतें आ रही हैं वहां वह व डीपीआरओ जाकर निरीक्षण करेंगे। ग्राम शिक्षा निधि में पैसा है। पैसे की कमी न होने के कारण कार्यों में रुकावट नहीं आएगी।