उन्नाव। राजधानी और उद्योग नगरी के बीच बसे इस जिले पर ‘कच्ची’ का कलंक लग रहा है। कच्ची यानी अवैध शराब। गांव-गांव में धधक रही कच्ची शराब की भट्ठियों की आग में न केवल युवा झुलस रहे हैं बल्कि किशोर भी इसके आदी हो रहे हैं। सरकारी आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि यह धंधा जिले में कुटीर उद्योग का रूप ले रहा है और उसका दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग ने जिले में 40 हजार लीटर से अधिक और पुलिस विभाग ने 22 हजार लीटर अवैध शराब बरामद की।
पुलिस और आबकारी विभाग हर साल बरामद की जाने वाली हजारों लीटर कच्ची शराब को अपनी उपलब्धियों में भले ही शुमार करते हों मगर हर साल बढ़ रहे बरामदगी के आंकड़े इस अवैध धंधे के बहुत तेजी से फैलने की गवाही दे रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो वित्तीय 2011-12 में आबकारी विभाग ने ‘कच्ची’ के खिलाफ अभियान चलाया और कुल 40 हजार 526 लीटर अवैध शराब बरामद की। जिला आबकारी अधिकारी एके वर्मा के मुताबिक कच्ची शराब बरामद होने पर वित्तीय वर्ष 2011-12 में कुल 3398 अभियोग दर्ज किए गए और 183 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। वहीं विभिन्न थानों की पुलिस ने 22 हजार लीटर कच्ची शराब जब्त की और 1002 मुकदमे दर्ज किए। कच्ची का धंधा कितनी तेजी से बढ़ रहा है इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि अप्रैल महीने में आबकारी विभाग ने 1894 लीटर अवैध शराब बरामद करते हुए 208 अभियोग दर्ज किए। वहीं पुलिस ने 650 लीटर कच्ची बरामद करते हुए 22 अभियोग दर्ज किए हैं।