फतेहपुर चौरासी/उन्नाव। ड्यूटी से गायब मिलने पर मुख्य विकास अधिकारी ने पांच तकनीकी सहायकों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। इसके अलावा स्वीकृति लिए बिना अवकाश पर जाने वाले एडीओ आईएसबी से जवाब तलब किया है। मुख्य विकास अधिकारी शुक्रवार को ब्लाक कार्यालय और अस्पताल के औचक निरीक्षण पर आए थे।
शुक्रवार दोपहर बाद ब्लाक परिसर में सफेद एंबेसडर कार के प्रवेश करते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया। वाहन से उतरे मुख्य विकास अधिकारी विवेक के स्वागत में कार्यालय लिपिक से लेकर अधिकारी तक जुट गए। औपचारिकताओं को दरकिनार कर सीडीओ ने ब्लाक कार्यालय की एक एक टेबल को चेक किया। ब्लाक पर मनरेगा कार्यों की स्थिति और संबंधित कागजात चेक किए। डेटा फीडिंग में तेजी लाने के निर्देश जारी किए। एक निरीक्षण के दौरान सीडीओ ने तकनीकि सहायक को बुलाने को कहा। ब्लाक में तैनात पांच तकनीकि सहायकों में से कोई भी मौके पर मौजूद नहीं मिला। इस पर नाराज सीडीओ ने पांचों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश जारी किए। एडीओ आईएसबी राजेंद्र प्रसाद कनौजिया तो ड्यूटी पर तैनात नहीं थे लेकिन उनका एक दिन की छुट्टी का आवेदन कार्यालय मेें जमा था। आवेदन पर किसी सक्षम अधिकारी ने छुट्टी स्वीकृत नहीं की थी। इस पर सीडीओ ने उनसे भी स्पष्टीकरण तलब किया। कार्यालय परिसर की दीवारों में जगह जगह मकड़ी का जाला और गंदगी देख सीडीओ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सफाई कराने का निर्र्देश देते हुए कहा कि अगले निरीक्षण में गंदा मिलने पर कार्रवाई को तैयार रहेें। इस दौरान कार्यालय में हड़कंप की स्थिति बनी रही। कर्मचारी और अधिकारी अपनी मेजों पर चिपके दिखाई दिए। सीडीओ के कार्यालय से बाहर निकलने के साथ ही सभी ने राहत की संास ली। इसके बाद वह सीधे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र जा पहुंचे। यहां उन्हें दवा के रजिस्टर व स्टाक सही मिले। कार्यालय में जननी सुरक्षा के एक दर्जन फार्म उन्हें ऐसे मिले जो पूरी तरह भरे हुए तो थे लेकिन किसी में भी लाभार्थी की फोटो नहीं लगी थी। उन्हें कब्जे मेेें लेते हुए उन्होंने कहा कि वह स्वयं इनका भौतिक सत्यापन कराएंगे। उन्होंने मरीजोें के बारे में भी जानकारी मांगी। करीब आधा घंटा निरीक्षण के बाद वह मुख्यालय रवाना हो गए। मुख्य विकास अधिकारी के निरीक्षण की चर्चा कार्यालय बंद होने तक होती रही।