उन्नाव। विधवा पेंशन में अपात्रों के लाभ लेने की शिकायतों को शासन ने गंभीरता से लिया है। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार ने विधवा पेंशन लाभार्थियों के सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। महिला कल्याण निदेशालय ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को सत्यापन कराए जाने के निर्देश जारी किए हैं। सत्यापन के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी इसकी रिपोर्ट निदेशालय भेजेंगी। उसके बाद यदि कोई अपात्र लाभ लेते पाया गया तो उससे धनराशि की रिकवरी होगी और जो भी लाभार्थी चयन में शामिल होगा उस अधिकारी व कर्मचारी भी कार्रवाई होगी।
पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिलाओं को सहायक अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। ऐसे निराश्रित महिलाएं जो गरीबी रेखा से नीचे हैं और जिनकी वार्षिक आय शहरी क्षेत्र में 25546 और ग्रामीण अंचलों में 19884 रुपए है। साथ ही जिनके बच्चे नाबालिग या बालिग होने के बावजूद भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं ऐसी महिलाओं को 300 रुपए प्रतिमाह की दर से अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में जिले में 19337 लाभार्थी योजना का लाभ ले रही हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो शासन के पास योजना में अपात्रों को लाभ देने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसको गंभीरता से लेते हुए महिला कल्याण निदेशालय के निदेशक सुषमा तिवारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को पत्र भेजकर योजना के लाभार्थियों के सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। यदि योजना का लाभ लेते कोई अपात्र महिला पाई जाती है तो अपात्र होने के कारणों के बारे में स्पष्ट लिखा जाए। साथ ही जितने समय से अपात्र योजना का लाभ ले रहे थे उनसे उतने दिनों की रिकवरी की जाएगी। इसके बाद यह जांच कराई जाएगी कि अपात्र कैसे योजना में शामिल किए गए। जो भी अधिकारी व कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले की रिपोर्ट महिला कल्याण निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्नाव। विधवा पेंशन में अपात्रों के लाभ लेने की शिकायतों को शासन ने गंभीरता से लिया है। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार ने विधवा पेंशन लाभार्थियों के सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। महिला कल्याण निदेशालय ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को सत्यापन कराए जाने के निर्देश जारी किए हैं। सत्यापन के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी इसकी रिपोर्ट निदेशालय भेजेंगी। उसके बाद यदि कोई अपात्र लाभ लेते पाया गया तो उससे धनराशि की रिकवरी होगी और जो भी लाभार्थी चयन में शामिल होगा उस अधिकारी व कर्मचारी भी कार्रवाई होगी।
पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिलाओं को सहायक अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। ऐसे निराश्रित महिलाएं जो गरीबी रेखा से नीचे हैं और जिनकी वार्षिक आय शहरी क्षेत्र में 25546 और ग्रामीण अंचलों में 19884 रुपए है। साथ ही जिनके बच्चे नाबालिग या बालिग होने के बावजूद भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं ऐसी महिलाओं को 300 रुपए प्रतिमाह की दर से अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में जिले में 19337 लाभार्थी योजना का लाभ ले रही हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो शासन के पास योजना में अपात्रों को लाभ देने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसको गंभीरता से लेते हुए महिला कल्याण निदेशालय के निदेशक सुषमा तिवारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को पत्र भेजकर योजना के लाभार्थियों के सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। यदि योजना का लाभ लेते कोई अपात्र महिला पाई जाती है तो अपात्र होने के कारणों के बारे में स्पष्ट लिखा जाए। साथ ही जितने समय से अपात्र योजना का लाभ ले रहे थे उनसे उतने दिनों की रिकवरी की जाएगी। इसके बाद यह जांच कराई जाएगी कि अपात्र कैसे योजना में शामिल किए गए। जो भी अधिकारी व कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले की रिपोर्ट महिला कल्याण निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।