फतेहपुर चौरासी/उन्नाव। कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्रा के साथ शिक्षक द्वारा दुष्कर्म की घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना नहीं बल्कि शिक्षा के मंदिर के साथ ही पूरे समाज के लिए आघात है। शिक्षा और शिक्षकों के गिरते नैतिक स्तर पर सभी के लिए आत्ममंथन की जरूरत है। अव्यवस्था का आलम यह है कि जहां इतनी बड़ी संख्या में छात्राएं पढ़ रही हैं, वहां सुरक्षा के लिए एक चौकीदार तक नहीं है। विद्यालय में चौकीदार और चपरासी होते तो छात्रा और शिक्षक के रिश्ते को कलंकित करने वाली यह घटना शायद न होती। विद्यालय प्रभारी ने माना कि विद्यालय में चौकीदार नहीं है। अपने इर्दगिर्द ऐसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि छात्राओं के स्कूल में पुरुष शिक्षक की तैनाती कहां तक तर्कसम्मत है।
घटना के बाबत बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक मुईन अहमद से बात करने का प्रयास किया गया तो उनके मोबाइल काल डाइवर्ट होने से संपर्क नहीं हो पाया। इसके पूर्व भी मौरावां, हसनगंज और सरोसी कस्तूरबा विद्यालयों में हुई घटनाओं में जिला समन्वयक का यही रवैया रहा है। किसी प्रकार की सूचनाएं देने के बजाए वे अपना मोबाइल स्विच आफ कर देते हैं।
उधर, सहायक शिक्षा निदेशक महेंद्र सिंह राणा ने बताया कि अभी तक मुझे विभागीय अधिकारियों की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने प्रेस से सूचना मिलने की बात कहते हुए सत्यता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई किए जाने की बात कही।
फतेहपुर चौरासी/उन्नाव। कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्रा के साथ शिक्षक द्वारा दुष्कर्म की घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना नहीं बल्कि शिक्षा के मंदिर के साथ ही पूरे समाज के लिए आघात है। शिक्षा और शिक्षकों के गिरते नैतिक स्तर पर सभी के लिए आत्ममंथन की जरूरत है। अव्यवस्था का आलम यह है कि जहां इतनी बड़ी संख्या में छात्राएं पढ़ रही हैं, वहां सुरक्षा के लिए एक चौकीदार तक नहीं है। विद्यालय में चौकीदार और चपरासी होते तो छात्रा और शिक्षक के रिश्ते को कलंकित करने वाली यह घटना शायद न होती। विद्यालय प्रभारी ने माना कि विद्यालय में चौकीदार नहीं है। अपने इर्दगिर्द ऐसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि छात्राओं के स्कूल में पुरुष शिक्षक की तैनाती कहां तक तर्कसम्मत है।
घटना के बाबत बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक मुईन अहमद से बात करने का प्रयास किया गया तो उनके मोबाइल काल डाइवर्ट होने से संपर्क नहीं हो पाया। इसके पूर्व भी मौरावां, हसनगंज और सरोसी कस्तूरबा विद्यालयों में हुई घटनाओं में जिला समन्वयक का यही रवैया रहा है। किसी प्रकार की सूचनाएं देने के बजाए वे अपना मोबाइल स्विच आफ कर देते हैं।
उधर, सहायक शिक्षा निदेशक महेंद्र सिंह राणा ने बताया कि अभी तक मुझे विभागीय अधिकारियों की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने प्रेस से सूचना मिलने की बात कहते हुए सत्यता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई किए जाने की बात कही।