गंजमुरादाबाद (उन्नाव)। भौतिक विज्ञान मेें सूक्ष्म कणों की गति पर नई खोज कर कस्बे के आमिर अंसारी ने जिले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। भौतिक विज्ञान मेें किए गए उसके शोध को विज्ञान के अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में जनवरी अंक में प्रकाशित किया गया है। उन्हें अपने शोध पर बोलने के लिए बैंकाक में आमंत्रित किया गया है।
कस्बे के अंसार मैदान मोहल्ला निवासी मतीउल्लाह अंसारी के बेटे आमिर अंसारी कलिंगा इंस्टीट्यूट आफ इंडस्ट्रियल टेक्नालॉजी भुवनेश्वर में कंप्यूटर इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र हैं। इलेक्ट्रान की गति और स्थिति के संबंध में वैज्ञानिक हाइजेनबर्ग की परिकल्पना पर शोध करते हुए आमिर ने इसमें नए तथ्य जोड़े हैं। उनके इस शोध को इंटरनेशनल जर्नल आफ साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग रिसर्च (आईजेएसईआर) ने जनवरी के प्रथम संस्करण के चौथे वाल्यूम में प्रकाशित किया है। भौतिक विज्ञान में इस वर्ष हुए लगभग 1900 शोधों में से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर केवल 157 ही स्वीकृत किए गए। इनमें आमिर का भी शोध भी है। आमिर को 15-17 अप्रैल को बैंकाक में होने वाली एशिया पैसिफिक इंटरनेशनल कांग्रेस आन इंजीनियरिंग एंड नेचुरल साइंस (एपीआईसीईएनएस 2013) में अपने शोध पर वक्तव्य देने के लिए आमंत्रित किया गया है। आमिर के शोध पर इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाईजेशन (इसरो) अध्यक्ष डा. राधाकृष्णन ने भी सराहा है। आमिर की उपलब्धियों पर मां रिजवाना अंसारी और पिता मतीउल्लाह के साथ ही पूरे कस्बा गर्व की अनुभूति कर रहा है।
क्या है हाइजेनबर्ग परिकल्पना
गंजमुरादाबाद। भौतिक वैज्ञानिक हाइजेनबर्ग ने अनिश्चितता का सिद्धंात दिया। इसके मुताबिक किसी निश्चित समय पर आर्बिट में चक्कर लगा रहे इलेक्ट्रान के संवेग और स्थिति में कोई एक ही ज्ञात किया जा सकता है। आमिर ने इसे उदाहरण देकर समझाया कि यदि कोई स्पिन गेंदबाज बालिंग कर रहा है तो हाइजनबर्ग सिद्धांत के मुताबिक एक समय में हम उस गेंद का संवेग या स्थिति दोनों मेें से कोई एक ही ज्ञात कर सकते हैं। इस पर शोध करते हुए आमिर ने स्थापित किया कि निश्चित समय हवा में अपनी धुरी पर घूम रही गेंद की कोणीय गति को ज्ञात किया जा सकता है।
प्रोफाइल
जन्म तिथि- 31-12-1992
पिता- मतीउल्लाह अंसारी
माता-रिजवाना अंसारी
हाईस्कूल- 65 प्रतिशत जीनियस पब्लिक स्कूल गंजमुरादाबाद 2007
इंटरमीडिएट 69 प्रतिशत जीनियस पब्लिक स्कूल गंजमुरादाबाद 2009
बीटेक- कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग- कलिंगा इंस्टीट्यूट आफ इंडस्ट्रियल टेक्नालाजी भुवनेश्वर उड़ीसा तृतीय वर्ष