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गंजमुरादाबाद (उन्नाव)। विकास खंड की ग्राम पंचायत खैरहन आज भी शासन की उपेक्षा का शिकार है। इस गांव में पेयजल, स्वास्थ्य, बिजली आदि समस्याओं का अंबार है। अब इस गांव को लोहिया ग्राम घोषित किए जाने से ग्रामीणों में आस जगी है।
ग्राम पंचायत खैरहन ब्लाक मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर है। करीब चार हजार आबादी का यह गांव अभी तक शासन की उपेक्षा का शिकार रहा है। इससे गांव में बुनियादी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सका है। वैसे तो इस गांव के अलावा आसपास के गांवों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांव में राजीव गांधी पेयजल योजना के तहत वर्ष 1995 में एक ओवर हेड टैंक का निर्माण कराया गया था। इसमें पाइप लाइन के कई स्थानों पर फट जाने के बाद इससे पानी आपूर्ति पर रोक लगा दी गई थी। इसे आज तक दोबारा नहीं चालू किया जा सका है। इससे ग्रामीणों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा फसलों की सिंचाई के लिए राजकीय नलकूप नहीं हैं। मजबूरन किसानों को डीजल इंजनों का सहारा लेना पड़ता है। गांव मेें आज तक पंचायत भवन का निर्माण नहीं कराया गया जिससे ग्राम सभा में होने वाली बैठकें नहीं हो पाती हैं। वर्ष 2008 में गांव का विद्युतीकरण किया गया था। इसमेें एक छोर पर चार-पांच खंभों में ही बिजली आपूर्ति होती है। शेष पूरा गांव बिजली के लिए तरस रहा है। इसी कड़ी में गांव में कोई भी प्राथमिक स्वास्थ्य केेंद्र नहीं है। जिससे मरीजों झोलाछाप डाक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है या फिर 10 किमी दूर गंजमुरादाबाद जाना पड़ता है। यही नहीं गांव में आज भी करीब एक सैकड़ा परिवार झोपड़ी में रह रहे हैं। इन्हें इंदिरा आवास नहीं मिल सके हैं। सरकार द्वारा गांव को लोहिया ग्राम घोषित किए जाने से लोगों मेें विकास की उम्मीद जगी है।
इस संबंध खंड विकास अधिकारी बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि खैरहन गांव को दो माह पूर्व लोहिया ग्राम चयनित किया गया है। गांव के समुचित विकास के लिए शीघ्र ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जल्द ही यह गांव बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त हो जाएगा।
ट्रांसफार्मर बिगड़े पड़े, बिजली ठप
पुरवा (उन्नाव)। पुरवा पावर हाउस में चार फीडरों मेें कस्बा, चमियानी, बिछिया, बेहटा हैं। इन फीडरों से विद्युत गांवों में आपूर्ति होती है। वहीं त्रिपुरारिपुर गांव मेें लगे दो ट्रांसफार्मर दो माह, कटरा में एक स्कूल के पास दूसरा गांव वाला, अभूषा का ट्रांसफार्मर भी एक माह से खराब है। इन गांवों में खराब पड़े ट्रांसफार्मर सिर्फ दिखावा साबित हो रहे हैं। वहीं शीतलगंज मोहल्ला के जोगियाना में 6 माह पूर्व तूफान में पांच खंभे टूट गए थे। इन्हें आज तक विभाग नहीं लगवा सका है। बिजली ठप रहने से बच्चों की पढ़ाई सहित फसल सिंचाई आदि कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इस संबंध में जेई सतीश चंद्र ने बताया कि टूटे खंभों का स्टीमेट बनवाकर विभाग को भेजा गया है। खराब पड़े ट्रांसफार्मरों को जल्द ही सुधरवा दिया जाएगा।
गंजमुरादाबाद (उन्नाव)। विकास खंड की ग्राम पंचायत खैरहन आज भी शासन की उपेक्षा का शिकार है। इस गांव में पेयजल, स्वास्थ्य, बिजली आदि समस्याओं का अंबार है। अब इस गांव को लोहिया ग्राम घोषित किए जाने से ग्रामीणों में आस जगी है।
ग्राम पंचायत खैरहन ब्लाक मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर है। करीब चार हजार आबादी का यह गांव अभी तक शासन की उपेक्षा का शिकार रहा है। इससे गांव में बुनियादी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सका है। वैसे तो इस गांव के अलावा आसपास के गांवों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांव में राजीव गांधी पेयजल योजना के तहत वर्ष 1995 में एक ओवर हेड टैंक का निर्माण कराया गया था। इसमें पाइप लाइन के कई स्थानों पर फट जाने के बाद इससे पानी आपूर्ति पर रोक लगा दी गई थी। इसे आज तक दोबारा नहीं चालू किया जा सका है। इससे ग्रामीणों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा फसलों की सिंचाई के लिए राजकीय नलकूप नहीं हैं। मजबूरन किसानों को डीजल इंजनों का सहारा लेना पड़ता है। गांव मेें आज तक पंचायत भवन का निर्माण नहीं कराया गया जिससे ग्राम सभा में होने वाली बैठकें नहीं हो पाती हैं। वर्ष 2008 में गांव का विद्युतीकरण किया गया था। इसमेें एक छोर पर चार-पांच खंभों में ही बिजली आपूर्ति होती है। शेष पूरा गांव बिजली के लिए तरस रहा है। इसी कड़ी में गांव में कोई भी प्राथमिक स्वास्थ्य केेंद्र नहीं है। जिससे मरीजों झोलाछाप डाक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है या फिर 10 किमी दूर गंजमुरादाबाद जाना पड़ता है। यही नहीं गांव में आज भी करीब एक सैकड़ा परिवार झोपड़ी में रह रहे हैं। इन्हें इंदिरा आवास नहीं मिल सके हैं। सरकार द्वारा गांव को लोहिया ग्राम घोषित किए जाने से लोगों मेें विकास की उम्मीद जगी है।
इस संबंध खंड विकास अधिकारी बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि खैरहन गांव को दो माह पूर्व लोहिया ग्राम चयनित किया गया है। गांव के समुचित विकास के लिए शीघ्र ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जल्द ही यह गांव बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त हो जाएगा।
ट्रांसफार्मर बिगड़े पड़े, बिजली ठप
पुरवा (उन्नाव)। पुरवा पावर हाउस में चार फीडरों मेें कस्बा, चमियानी, बिछिया, बेहटा हैं। इन फीडरों से विद्युत गांवों में आपूर्ति होती है। वहीं त्रिपुरारिपुर गांव मेें लगे दो ट्रांसफार्मर दो माह, कटरा में एक स्कूल के पास दूसरा गांव वाला, अभूषा का ट्रांसफार्मर भी एक माह से खराब है। इन गांवों में खराब पड़े ट्रांसफार्मर सिर्फ दिखावा साबित हो रहे हैं। वहीं शीतलगंज मोहल्ला के जोगियाना में 6 माह पूर्व तूफान में पांच खंभे टूट गए थे। इन्हें आज तक विभाग नहीं लगवा सका है। बिजली ठप रहने से बच्चों की पढ़ाई सहित फसल सिंचाई आदि कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इस संबंध में जेई सतीश चंद्र ने बताया कि टूटे खंभों का स्टीमेट बनवाकर विभाग को भेजा गया है। खराब पड़े ट्रांसफार्मरों को जल्द ही सुधरवा दिया जाएगा।