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गंजमुरादाबाद (उन्नाव)। बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम ब्योली इस्लामाबाद में एक पखवारा पूर्व सरसों के खेत सेनर कंकाल मिलने के मामले में चार आरोपी एक सप्ताह तक पुलिस की हिरासत में रहे। पूछताछ के बाद पुलिस उनसे कुछ भी नहीं उगलवा सकी। आखिरकार पुलिस ने इनको रिहा कर दिया।
उक्त गांव निवासी गिरिजाशंकर द्विवेदी का 26 वर्षीय पुत्र कुलदीप द्विवेदी उर्फ सीतू गत 15 नवंबर की शाम उस समय लापता हो गया था जब वह अपने सगे भाई सुमित द्विवेदी और उसके एक अन्य साथी डल्ला के साथ बांस काटने गया था। 9 जनवरी की देर शाम उसी के सरसों के खेत से उसका कंकाल पुलिस ने बरामद किया था। भाई सुमित इस हत्याकांड में गांव के ही सुधीर पुत्र रामखेलावन, भगवानशंकर एवं जगदीश पुत्रगण मलूक चंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया था। बाद मेें आरोपियों के परिजनों ने ग्रामीणों सहित कोतवाली पहुंचकर हत्या में उसी के भाई का हाथ होने का आरोप लगाया था। इस पर पुलिस ने मृतक के भाई के दोस्त डल्ला को भी उठा लिया था। पुलिस ने इन चारों लोगों को एक सप्ताह तक हवालात में रखकर पूछताछ की। इसके बाद भी पुलिस के हाथ खाली रहे। एक सप्ताह तक इन आरोपियों के हवालात मेें होने का समाचार अमर उजाला में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने इन सभी को मुक्त कर दिया।
उधर पुलिस ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पाए गए नर कंकाल का डीएनए टेस्ट कराने की कार्रवाई की है रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। ऐसी स्थिति में मृतक के परिजनों को न्याय मिलने में लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। कोतवाली प्रभारी अंजनी कुमार राय ने बताया कि एक पखवारा तक की गई कार्रवाई में कुछ भी हासिल नहीं हो सका। अब रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सकेगी।
गंजमुरादाबाद (उन्नाव)। बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम ब्योली इस्लामाबाद में एक पखवारा पूर्व सरसों के खेत सेनर कंकाल मिलने के मामले में चार आरोपी एक सप्ताह तक पुलिस की हिरासत में रहे। पूछताछ के बाद पुलिस उनसे कुछ भी नहीं उगलवा सकी। आखिरकार पुलिस ने इनको रिहा कर दिया।
उक्त गांव निवासी गिरिजाशंकर द्विवेदी का 26 वर्षीय पुत्र कुलदीप द्विवेदी उर्फ सीतू गत 15 नवंबर की शाम उस समय लापता हो गया था जब वह अपने सगे भाई सुमित द्विवेदी और उसके एक अन्य साथी डल्ला के साथ बांस काटने गया था। 9 जनवरी की देर शाम उसी के सरसों के खेत से उसका कंकाल पुलिस ने बरामद किया था। भाई सुमित इस हत्याकांड में गांव के ही सुधीर पुत्र रामखेलावन, भगवानशंकर एवं जगदीश पुत्रगण मलूक चंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया था। बाद मेें आरोपियों के परिजनों ने ग्रामीणों सहित कोतवाली पहुंचकर हत्या में उसी के भाई का हाथ होने का आरोप लगाया था। इस पर पुलिस ने मृतक के भाई के दोस्त डल्ला को भी उठा लिया था। पुलिस ने इन चारों लोगों को एक सप्ताह तक हवालात में रखकर पूछताछ की। इसके बाद भी पुलिस के हाथ खाली रहे। एक सप्ताह तक इन आरोपियों के हवालात मेें होने का समाचार अमर उजाला में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने इन सभी को मुक्त कर दिया।
उधर पुलिस ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पाए गए नर कंकाल का डीएनए टेस्ट कराने की कार्रवाई की है रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। ऐसी स्थिति में मृतक के परिजनों को न्याय मिलने में लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। कोतवाली प्रभारी अंजनी कुमार राय ने बताया कि एक पखवारा तक की गई कार्रवाई में कुछ भी हासिल नहीं हो सका। अब रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सकेगी।