उन्नाव। तकनीकी टीम बताकर मोबाइल टावरों में लूटपाट करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को कोतवाली पुलिस ने जेल भेज दिया। हालांकि खुद को इंजीनियर बताने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन शातिर अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
सोमवार की देर रात आधा दर्जन बदमाशों ने खुद को मोबाइल टावर इंजीनियर टीम बताकर गदनखेड़ा स्थित मोबाइल टावर में घुसकर सिक्योरिटी गार्ड रामू के साथ मारपीट कर उसके हाथ-पैर बांध दिए थे। इसके बाद आधा दर्जन बैट्रियां निकाल ली थीं। तभी कोतवाली पुलिस पहुंच गई और क्वालिस के चालक व उसके साथी को पकड़ लिया था। पुलिस ने सरगना और उसके साथियों की तलाश की मगर वह भाग चुके थे। गिरफ्तार किए गए विकास नगर सीतापुर जिला निवासी मायाराम और उसके साथी मुंशीगंज सीतापुर निवासी कमलेश तिवारी की निशानदेही पर पुलिस ने जयपालपुर निवासी सूरज सिंह जो लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित मोबाइल टावर का सिक्योरिटी गार्ड है को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बुधवार को तीनों को जेल भेज दिया।
कमलेश तिवारी ने बताया कि सीतापुर के सिधौली निवासी मुकेश व रामचंद्र अपने नितीश नाम के साथी को मोबाइल टावर इंजीनियर बताकर उसकी क्वालिस 1200 रुपए भाड़े पर कानपुर के लिए तय करके लाए थे। रास्ते में वह तीनों टावर चेक करने के नाम पर गदनखेड़ा में रुके थे। उसके मुताबिक उसे नहीं मालूम था कि वह लोग बदमाश हैं। कोतवाली प्रभारी कृपाशंकर सरोज ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्नाव। तकनीकी टीम बताकर मोबाइल टावरों में लूटपाट करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को कोतवाली पुलिस ने जेल भेज दिया। हालांकि खुद को इंजीनियर बताने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन शातिर अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
सोमवार की देर रात आधा दर्जन बदमाशों ने खुद को मोबाइल टावर इंजीनियर टीम बताकर गदनखेड़ा स्थित मोबाइल टावर में घुसकर सिक्योरिटी गार्ड रामू के साथ मारपीट कर उसके हाथ-पैर बांध दिए थे। इसके बाद आधा दर्जन बैट्रियां निकाल ली थीं। तभी कोतवाली पुलिस पहुंच गई और क्वालिस के चालक व उसके साथी को पकड़ लिया था। पुलिस ने सरगना और उसके साथियों की तलाश की मगर वह भाग चुके थे। गिरफ्तार किए गए विकास नगर सीतापुर जिला निवासी मायाराम और उसके साथी मुंशीगंज सीतापुर निवासी कमलेश तिवारी की निशानदेही पर पुलिस ने जयपालपुर निवासी सूरज सिंह जो लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित मोबाइल टावर का सिक्योरिटी गार्ड है को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बुधवार को तीनों को जेल भेज दिया।
कमलेश तिवारी ने बताया कि सीतापुर के सिधौली निवासी मुकेश व रामचंद्र अपने नितीश नाम के साथी को मोबाइल टावर इंजीनियर बताकर उसकी क्वालिस 1200 रुपए भाड़े पर कानपुर के लिए तय करके लाए थे। रास्ते में वह तीनों टावर चेक करने के नाम पर गदनखेड़ा में रुके थे। उसके मुताबिक उसे नहीं मालूम था कि वह लोग बदमाश हैं। कोतवाली प्रभारी कृपाशंकर सरोज ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।