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Umesh Pal Murder: गुजरात जाने से पहले 4.30 घंटे तक नैनी जेल के बाहर खड़ी रही अतीक की वैन, सामने आई ये वजह

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: पूजा त्रिपाठी Updated Fri, 31 Mar 2023 10:34 AM IST
सार

उमेश पाल अपहरण केस में सजा पाने के बाद जब अतीक अहमद को नैनी जेल वापस ले जाया गया तो उसे साढ़े चार घंटे तक जेल के बाहर ही वैन में रखा गया और फिर अचानक उसे वहीं से गुजरात भेज दिया गया, अब यह बात सामने आ रही है कि इसकी क्या वजह थी।

Umesh pal hatyakand up police could not find shooter or evidence so not get atiq remand
Atiq Ahmed - फोटो : ANI

विस्तार

प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस और एसटीएफ को उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। वारदात के दौरान इस्तेमाल असलहे व मोबाइल की बरामदगी भी नहीं हो पाई।



जानकारों की मानें तो मंगलवार को गुजरात से लाए गए अतीक पर कानूनी शिकंजा कसने में पुलिस इसी वजह से असफल रही। अतीक और अशरफ को हत्याकांड में कस्टडी रिमांड पर लेने की कवायद अचानक पुलिस को रोकनी पड़ी।

दरअसल, सजा सुनाने के बाद अतीक को नैनी जेल ले जाया गया। यहां करीब 4.30 घंटे तक वह जेल से बाहर ही रोका गया फिर अचानक साबरमती जेल भेजने का फैसला लिया गया।

अतीक और अशरफ की रिमांड के लिए पुलिस को चाहिए थीं ये चीजें

जानकारों के मुताबिक यदि पुलिस अतीक और अशरफ को रिमांड पर लेने की कवायद करती तो उसे वारदात से जुड़े सुबूतों को बरामद कराना पड़ता, लेकिन पुलिस इसमें काफी पीछे रही।

वहीं, अतीक के खिलाफ जारी अन्य मुकदमों के विचारण में उल्लेखनीय प्रगति नहीं होने से उस पर कानूनी शिकंजा नहीं कसा जा सका। अब गुजरात में उसे जेल मैनुअल के मुताबिक सजायाफ्ता बंदियों के कपड़े पहनने पड़ेंगे।

अब हफ्ते में तीन बार की जगह केवल 15 दिन में एक बार परिजन मिल सकेंगे। उसे जेल काम भी करना पड़ेगा, जिसका मेहनताना भी मिलेगा।

अतीक अब कैदी नंबर 17052, जेल में काम भी करना होगा

साबरमती जेल में अतीक अहमद अब कैदी नंबर 17052 के रूप में जाना जाएगा। सजायाफ्ता कैदी के रूप में शुक्रवार को जेल प्रशासन ने अतीक का नंबर जारी कर दिया। वह कैदियों वाली ड्रेस पहनेगा और जेल में काम भी करना होगा। उसके सामने जेल मैनुअल के हिसाब से विभिन्न कार्यों की सूची सौंपी गई है। जो भी काम अतीक चुनेगा, उसे करना पड़ेगा।

प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरणकांड में अतीक अहमद समेत तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के बाद अतीक अहमद को पुलिस टीम ने बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे साबरमती जेल में दाखिल करा दिया। इसके साथ ही पुलिस ने जेल प्रशासन को अतीक के आजीवन कारावास संबंधी प्रपत्र सौंपे।

रात में अतीक को उसकी पुरानी बैरक में भेजा गया था। बृहस्पतिवार को साबरमती जेल अधिकारियों ने अतीक अहमद को सजायाफ्ता कैदी के रूप में बैरक आवंटित की। इसके साथ ही उसे 17052 का बिल्ला दिया गया। यानी अब वह कैदी नंबर 17052 के रूप में जाना जाएगा।

अतीक को बता दिया गया कि जेल मैनुअल के हिसाब से उसे काम भी करना होगा। उसे विभिन्न कार्यों की लिस्ट सौंपी गई है। उससे कहा गया कि जो भी काम उसे आता है, वह बताए। उसी के हिसाब से उसे काम दिया जाएगा। अतीक की उम्र 60 साल से अधिक है। उसे बीमारियां भी हैं और वह पूर्व सांसद भी है। जेल सूत्रों के मुताबिक काम देते वक्त उसकी स्थितियों का ध्यान रखा जाएगा।

वहीं अतीक अहमद को कैदियों वाली ड्रेस भी दी जाएगी। बृहस्पतिवार को ड्रेस के लिए उसकी नाप भी ली गई। जेल में हर समय वह कैदियों वाली ड्रेस में ही रहेगा। अतीक से मिलने जेल में कोई नहीं आया। सजायाफ्ता कैदी की लिखापढ़ी के दौरान जेल अधिकारियों ने उसे बुलाया था। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वह अपने बैरक में चला गया।

लंबे सफर से अतीक के शरीर में रहा दर्द

प्रयागराज। साबरमती जेल सूत्रों के मुताबिक अतीक बृहस्पतिवार को दिन में ज्यादातर समय आराम करता रहा। उसने जेल अधिकारियों को तबीयत खराब होने की बात बताई थी। उसका कहना था कि लगातार इतनी लंबी यात्रा के बाद उसके शरीर में काफी दर्द है। उसे हाइपरटेंशन, बीपी और शुगर के साथ कमर दर्द की शिकायत भी रहती है। डॉक्टर ने चेकअप के बाद उसे कुछ दवाएं भी दी हैं।

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