गौरीगंज। परिषदीय स्कूलों में तैनात प्रधानाध्यापक शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाने में जुटे हैं। ताजा मामला भेंटुआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बनवारीपुर का है। इस विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक ने शासन के निर्देशोें को दरकिनार कर बिना टेंडर कराए सवा लाख रुपये के ड्रेस वितरित कर दिए। मामला खुलने पर विभाग जांच के बाद दोषी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहा है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को प्रत्येक शिक्षण सत्र में दो सेट यूनिफार्म वितरित करने के निर्देश हैं। शासन ने एक ड्रेस की कीमत 200 रुपये निर्धारित की है। प्रधानाध्यापकों के स्तर पर होने वाले ड्रेस वितरण में धांधली को रोकने के लिए नियम भी बनाए गए हैं। मसलन यदि किसी विद्यालय में छात्रों की संख्या इतनी ज्यादा है कि वहां ड्रेस वितरण में खर्च होने वाली धनराशि एक लाख रुपये से अधिक हो तो वहां यह कार्य टेंडर कराने के बाद करने का निर्देश है। बावजूद इसके भेंटुआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बनवारीपुर का है। यहां पंजीकृत बच्चों की संख्या 318 है। यानी छात्रों की पंजीकृत संख्या के मुताबिक ड्रेस की कीमत 1,27,200 रुपये होती है। जाहिर है कि यहां ड्रेस वितरण के पहले टेंडर कराया जाना चाहिए था। हालांकि यहां तैनात प्रधानाध्यापक दुखराम ने शासन के निर्देशों को दरकिनार कर पंजीकृत 318 बच्चों के सापेक्ष 309 बच्चों को 1,23,600 रुपये का ड्रेस वितरित कर दिया। मामला प्रकाश में आने के बाद गांव के ही अभयराज ने डीएम को शिकायती पत्र देकर जांच कराने की मांग की है।
गौरीगंज। परिषदीय स्कूलों में तैनात प्रधानाध्यापक शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाने में जुटे हैं। ताजा मामला भेंटुआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बनवारीपुर का है। इस विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक ने शासन के निर्देशोें को दरकिनार कर बिना टेंडर कराए सवा लाख रुपये के ड्रेस वितरित कर दिए। मामला खुलने पर विभाग जांच के बाद दोषी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहा है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को प्रत्येक शिक्षण सत्र में दो सेट यूनिफार्म वितरित करने के निर्देश हैं। शासन ने एक ड्रेस की कीमत 200 रुपये निर्धारित की है। प्रधानाध्यापकों के स्तर पर होने वाले ड्रेस वितरण में धांधली को रोकने के लिए नियम भी बनाए गए हैं। मसलन यदि किसी विद्यालय में छात्रों की संख्या इतनी ज्यादा है कि वहां ड्रेस वितरण में खर्च होने वाली धनराशि एक लाख रुपये से अधिक हो तो वहां यह कार्य टेंडर कराने के बाद करने का निर्देश है। बावजूद इसके भेंटुआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बनवारीपुर का है। यहां पंजीकृत बच्चों की संख्या 318 है। यानी छात्रों की पंजीकृत संख्या के मुताबिक ड्रेस की कीमत 1,27,200 रुपये होती है। जाहिर है कि यहां ड्रेस वितरण के पहले टेंडर कराया जाना चाहिए था। हालांकि यहां तैनात प्रधानाध्यापक दुखराम ने शासन के निर्देशों को दरकिनार कर पंजीकृत 318 बच्चों के सापेक्ष 309 बच्चों को 1,23,600 रुपये का ड्रेस वितरित कर दिया। मामला प्रकाश में आने के बाद गांव के ही अभयराज ने डीएम को शिकायती पत्र देकर जांच कराने की मांग की है।
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