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मधुपुर। कस्बे में मंगलवार को बगीचे में कब्र बनाने को लेकर हंगामा हो गया। भाजपाइयों ने बिना परमीशन के कब्र खोदकर माहौल को बिगाड़ने का आरोप लगाया। देखते ही देखते मामला गरम हो गया। सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार फोर्स के साथ मौके पर पहुंच कर सर्वसम्मति से कब्र के स्थान का चयन कर मामले को शांत कराया।
सोमवार की दोपहर बाद हाजी डा. शकूर अहमद का देहांत हो गया। डा. शकूर ने परिजनों से मृत्यु के बाद खुद के बगीचे में दफनाने की इच्छा जाहिर की थी। मंगलवार को डा. अब्दुल वहाब पिता के शव को दफनाने के लिए खुद के बगीचे में कब्र खोदवाने लगे। उसी दौरान आसपास के रहवासियों के साथ भाजपा नेता नए स्थान पर कब्र बनाने का विरोध करने लगे। देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुट गई। सूचना मिलते ही राबर्ट्सगंज नायब तहसीलदार रमाकांत दुबे, इंस्पेक्टर डीपी शुक्ला, सुकृत चौकी प्रभारी एसपी सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंच कर आक्रोशितों को शांत कराने लगे।
भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेश चौबे, धर्मवीर तिवारी, गोविंद यादव, उमाशंकर सिंह, विनय मौर्य, आशीष, रघुराज त्यागी, योगेश सिंह का कहना था कि सड़क और बस्ती के समीप कब्र किसी सूरत में नहीं बनने दिया जाएगा। वहीं, डा. अब्दुल वहाब का कहना था कि पिता की अंतिम इच्छा को पूरा कर रहा हूं। हालांकि नायब तहसीलदार ने बगीचे में जिस स्थान पर कब्र खोदा जा रहा था, उससे तीस मीटर दूरी पर कब्र खोदने की बात कहते हुए सभी को शांत करा दिया।
मधुपुर। कस्बे में मंगलवार को बगीचे में कब्र बनाने को लेकर हंगामा हो गया। भाजपाइयों ने बिना परमीशन के कब्र खोदकर माहौल को बिगाड़ने का आरोप लगाया। देखते ही देखते मामला गरम हो गया। सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार फोर्स के साथ मौके पर पहुंच कर सर्वसम्मति से कब्र के स्थान का चयन कर मामले को शांत कराया।
सोमवार की दोपहर बाद हाजी डा. शकूर अहमद का देहांत हो गया। डा. शकूर ने परिजनों से मृत्यु के बाद खुद के बगीचे में दफनाने की इच्छा जाहिर की थी। मंगलवार को डा. अब्दुल वहाब पिता के शव को दफनाने के लिए खुद के बगीचे में कब्र खोदवाने लगे। उसी दौरान आसपास के रहवासियों के साथ भाजपा नेता नए स्थान पर कब्र बनाने का विरोध करने लगे। देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुट गई। सूचना मिलते ही राबर्ट्सगंज नायब तहसीलदार रमाकांत दुबे, इंस्पेक्टर डीपी शुक्ला, सुकृत चौकी प्रभारी एसपी सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंच कर आक्रोशितों को शांत कराने लगे।
भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेश चौबे, धर्मवीर तिवारी, गोविंद यादव, उमाशंकर सिंह, विनय मौर्य, आशीष, रघुराज त्यागी, योगेश सिंह का कहना था कि सड़क और बस्ती के समीप कब्र किसी सूरत में नहीं बनने दिया जाएगा। वहीं, डा. अब्दुल वहाब का कहना था कि पिता की अंतिम इच्छा को पूरा कर रहा हूं। हालांकि नायब तहसीलदार ने बगीचे में जिस स्थान पर कब्र खोदा जा रहा था, उससे तीस मीटर दूरी पर कब्र खोदने की बात कहते हुए सभी को शांत करा दिया।