बभनी। स्थानीय विकास खंड के अंतर्गत अंबेडकर गांव गोहड़ा, कोरची और भिसुर में शौचालय निर्माण के लिए मिले चालीस लाख रुपये का गबन ग्राम प्रधान और वीडीओ ने कर लिया। जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के बाद इसका खुलासा हुआ। कोई कार्रवाई न होने पर जनसंघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक ने न्यायालय में वाद दाखिल किया। न्यायालय ने घोटाले में शामिल डीपीआरओ, वीडीओ और प्रधानों के खिलाफ मुकदमा दायर करने का निर्देश सहायक विकास अधिकारी पंचायत को दिया है।
जनसंघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक प्रमोद चौबे ने पिछले वर्ष जुलाई माह में जन सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। इस सूचना के आधार पर ज्ञात हुआ कि गोहड़ा, कोरची और भिसुर में शौचालय निर्माण के लिए चालीस लाख रुपये अवमुक्त हुए हैं, लेकिन गांवों में एक भी शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया। प्रधानों और ग्राम विकास अधिकारी ने शौचालय के धन का गबन कर लिया। संयोजक ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। करीब एक वर्ष बाद श्री चौबे इस मामले को न्यायालय में ले गए। सभ्ाी के खिलाफ आईपीसी की धारा 156(3) के तहत वाद दायर करने की मांग की। जिला पंचायत राज अधिकारी ने पंद्रह मई 2012 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और तीनों प्रधानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश सहायक विकास अधिकारी पंचायत काशीराम ठाकुर को दिया। आदेश के तीन सप्ताह बीतने के बाद भी अभी तक थाने में किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। मोर्चा के संयोजक कहना है कि यदि शीघ्र ही मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया तो वे आंदोलन करेंगे। वहीं सहायक विकास अधिकारी काशीराम ठाकुर ने बताया कि मामले को समझने में समय लग गया। शीघ्र ही दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
बभनी। स्थानीय विकास खंड के अंतर्गत अंबेडकर गांव गोहड़ा, कोरची और भिसुर में शौचालय निर्माण के लिए मिले चालीस लाख रुपये का गबन ग्राम प्रधान और वीडीओ ने कर लिया। जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के बाद इसका खुलासा हुआ। कोई कार्रवाई न होने पर जनसंघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक ने न्यायालय में वाद दाखिल किया। न्यायालय ने घोटाले में शामिल डीपीआरओ, वीडीओ और प्रधानों के खिलाफ मुकदमा दायर करने का निर्देश सहायक विकास अधिकारी पंचायत को दिया है।
जनसंघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक प्रमोद चौबे ने पिछले वर्ष जुलाई माह में जन सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। इस सूचना के आधार पर ज्ञात हुआ कि गोहड़ा, कोरची और भिसुर में शौचालय निर्माण के लिए चालीस लाख रुपये अवमुक्त हुए हैं, लेकिन गांवों में एक भी शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया। प्रधानों और ग्राम विकास अधिकारी ने शौचालय के धन का गबन कर लिया। संयोजक ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। करीब एक वर्ष बाद श्री चौबे इस मामले को न्यायालय में ले गए। सभ्ाी के खिलाफ आईपीसी की धारा 156(3) के तहत वाद दायर करने की मांग की। जिला पंचायत राज अधिकारी ने पंद्रह मई 2012 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और तीनों प्रधानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश सहायक विकास अधिकारी पंचायत काशीराम ठाकुर को दिया। आदेश के तीन सप्ताह बीतने के बाद भी अभी तक थाने में किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। मोर्चा के संयोजक कहना है कि यदि शीघ्र ही मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया तो वे आंदोलन करेंगे। वहीं सहायक विकास अधिकारी काशीराम ठाकुर ने बताया कि मामले को समझने में समय लग गया। शीघ्र ही दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।