ओबरा। विद्युत उत्पादन के क्षेत्र मेें प्रदेश की पिछली सरकार के गलत नितियों का असर जहां उत्पादन पर पड़ रहा है वही प्रदेश को कई सौ करोड़ रुपये के राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उक्त बातें ओबरा दौरे पर आए अभियंता संघ के केंद्रीय महासचिव ओपी पांडेय ने परियोजना के अतिथि गृह में बुधवार को पत्र प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ओबरा परियोजना के सौ मेगावाट क्षमता वाली सातवीं इकाई के अनुरक्षण कार्य में लगभग सौ करोड़ रुपये खर्च करना धन की बर्बादी है। क्योंकि केंद्रीय प्र्रदूषण विभाग द्वारा छठवीं और आठवीं इकाई बंद कर दिया गया। ऐसी परिस्थिति में सातवीं इकाई के अनुरक्षण पर इतने अधिक धन का खर्च किया जाना कहां तक उचित है। जब कि जायका के अधीन जापानी टीम के विशेषज्ञों द्वारा ओबरा परियोजना के अ ताप विद्युत गृह के सभी पुरानी इकाइयों के स्थान पर 650 मेगावाट की बड़ी इकाई लगाने का सुझाव पिछले माह के दौरे के उपरांत प्रदेश सरकार को दिया था। जापानी टीम का सुझाव विद्युत उत्पादन क्षेत्र में अहम माना जा रहा है। पदोन्नति में आरक्षण के संदर्भ में श्री पांडेय ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश अभियंता संर्वग के हित में है ,जो प्रतिभावान वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। इससे कार्य की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। उन्होंने पदोन्नति में आरक्षण के लिए संविधान संशोधन के प्रयास की घोर निंदा की। बिजली उत्पादन क्षेत्र में निजी कंपनियों से प्रदेश को भारी क्षति होना स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है। जेपी समूह द्वारा बारा-करछना में लगाई जा रही विद्युत परियोजना पर सरकार को लगभग तीस हजार करोड़ का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस अनुबंध पर पुन: समीक्षा करने की मांग दोहराई। वार्ता के दौरान केंद्रीय उपाध्यक्ष जीके मिश्रा, क्षेत्रीय सचिव अजय कटियार, राणा प्रताप मल्ल आदि उपस्थित थे।