सोनभद्र। एसपी सुभाष चंद्र दुबे के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा, अजीत कोल को पकड़ कर नक्सल मूवमेंट को एक करारा झटका दिया है। पांच राज्यों में मुन्ना ने साथियों संग ताबड़तोड़ हत्या समेत अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस की नींद हराम कर रखी थी। कई वर्ष पूर्व चंदौली जनपद के हिनौता जंगल में मुन्ना विश्वकर्मा ने अपने साथियों के साथ लैंड माइन विस्फोट कर पीएसी का वाहन उड़ा कर एक दारोगा समेत 16 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था और हथियार लूट लिए थे।
यह विवरण गुरुवार को चुर्क स्थित पुलिस लाइन सभागार में पत्रकारों को वाराणसी जोन के आईजी बृजभूषण ने दिया। उनके अनुसार खूंखार नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा ने साथियों के साथ 19 नवंबर, 2004 को चंदौली के नौगढ़ थाना क्षेत्र के मजगाई गांव में स्थित वन प्रभाग कार्यालय को बम ब्लास्ट कर उड़ा दिया था। जिसमें रेंजर समेत तीन वनकर्मियों की मौत हो गई थी। इसी तरह 20 नवंबर, 2004 को चंदौली के हिनौता जंगल में मुन्ना ने लैंड माइन से विस्फोट कर पीएसी की गाड़ी उड़ा दिया था। हादसे में एक दारोगा, नागरिक पुलिस आरक्षी समेत 14 पीएसी के जवान शहीद हो गए थे। लगातार नक्सली वारदात होने से क्षेत्र में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया था। इसके बाद 9/10 दिसंबर 2012 को मुन्ना विश्वकर्मा ने मांची थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी शिव प्रकाश कुशवाहा का सिर कलम कर लोगों के अंदर दहशत पैदा कर दी थी। आईजी ने बताया कि मुन्ना का अजीत कोल दाहिना हाथ माना जाता है। अधिकतर मुन्ना के साथ अजीत ने भी नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया है। नक्सलियों को पकड़ने वाले पुलिसकर्मियों के आउट आफ टर्न प्रमोशन के लिए उच्चाधिकारियों से लिखा पढ़ी की जाएगी।
पांच राज्यों की पुलिस को थी तलाश
सोनभद्र। वर्ष 2004 में नक्सली संगठन में शामिल होने वाले मुन्ना विश्वकर्मा ने पांच राज्योें की पुलिस को परेशान कर दिया था। उसने ताबड़तोड़ नक्सली घटनाओं को अंजाम देकर लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। गुरुवार को चोपन थाना क्षेत्र के कनच कन्हौरा जंगल में मुठभेड़ के दौरान खूंखार नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा व अजीत कोल के गिरफ्तार होने की खबर पुलिस महकमे में जंगल में आग की तरह फैल गई। बिहार के रोहतास, भभुआ, झारखंड प्रांत के गढ़वा, छत्तीसगढ़ व एमपी की पुलिस मुन्ना, अजीत से पूछताछ करने चुर्क पहुंच गई है।