कोन। लगभग चार साल से सूखे की मार झेल रहे किसानों की इस बार गेहूं की फसल अच्छी हुई। ऐसे में सहकारी क्रय केंद्र के अधिकारी क्षेत्र के किसानों के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जब धान की खरीदारी की जा रही थी तो कोन क्षेत्र के दर्जनों किसानों का लैम्पस पर रखे धान में पानी लगने से सड़ गया था।
ऐसे में किसानों को मजबूर होकर धान अपने घर वापस ले जाकर औने-पौने दाम में बेचना पड़ा था। वहीं जब इस बार गेहूं खरीददारी की बात आई तो कोन लैम्पस के सचिव को अनियमितता दिखा कर कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी क्रय केंद्र पर किसी कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई, जिसको लेकर क्षेत्र के लोगाें मेें खासा आक्रोश देखा जा रहा है। केवल यही नहीं किसान भूखमरी के कगार पर आ चुके हैं। बता दें कि सचिव को रामगढ़, कचनरवा क्रय केंद्र का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था। अब जब सचिव को कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है तो क्षेत्र केे तीनों सहकारी लैम्पस बंद हो चुके हैं। आलम यह है कि किसानों को गेहूं बेचने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। यदि समय रहते शासन ने ध्यान नहीं दिया तो क्षेत्र के कुछ किसानों को बैंक कर्ज की अदायगी तो किसी को बेटी के हाथ पीले करने का और किसी किसान को आने वाले बरसात के दिनों में खाद बीज के लिए पैसे की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। ऐसे में क्षेत्र के किसानों ने नवागत जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए क्रय केंद्रों पर सचिव की नियुक्ति की मांग की है अन्यथा किसान एकजुट होकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।