सोनभद्र। जनपद में सिंचाई व्यवस्था सुदृढ़ करने के नाम पर लघु सिंचाई विभाग द्वारा करोड़ों का गोलमाल किया गया है। कुओं और चेकडैम निर्माण में कमीशन लेकर काम कराया गया है। ठेकेदार और अधिशासी अभियंता की मिली भगत के चलते जेई कुछ नहीं कर पाते हैं। विरोध करने पर उल्टा खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसको लेकर जेई संगठन मुखर हो गया है। डिप्लोमा इंजीनियर संघ लघु सिंचाई विभाग के पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा ठेकों एवं बड़े कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लिए भ्रष्टाचार निवारण समिति का गठन किया है।
बृहस्पतिवार को राबर्ट्सगंज में आयोजित पत्रकारों से बातचीत के दौरान डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लघु सिंचाई के मंडल सचिव ओमप्रकाश शुक्ला, जिलाध्यक्ष शिवमूर्ती राम और आरके सिंह आदि ने बताया कि जनपद में कुओं और चेकडैमों के निर्माण में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। आरआईडीएफ 15 के तहत तीन वर्षों में 68 करोड़ की लागत से आठ सौ नए कुओं और आठ सौ पुराने कुओं का जीर्णोद्धार किया जाना था, लेकिन इस पर बड़े पैमाने पर कमीशन लेकर ठेकेदारों को बगैर टेंडर के वर्कलोड के आधार पर काम दे दिया गया। अब जेई इसके विरोध में उतर आए हैं। इसके अध्यक्ष ओमप्रकाश शुक्ला, संयोजक आरके सिंह बनाए गए हैं जबकि आरएन उपाध्याय और ओमप्रकाश सदस्य बनाए गए हैं। समिति विभागीय अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा ठेके में भ्रष्टाचार द्वारा अर्जित की गई संपत्ति का पता लगाएगी तथा ठेके में किस स्तर पर कितना भ्रष्टाचार किया गया है इसका पता लगाते हुए आरोप पत्र दाखिल करेगी। समिति विभागीय ठेके में पारदर्शिता के लिए सुझाव भी देगी।