सोनभद्र। लघु सिंचाई विभाग में किए गए लूट-खसोट के मामले खुलने लगे हैं। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लघु सिंचाई विभाग ने प्रमुख सचिव/मुख्य अभियंता लघु सिंचाई विभाग लखनऊ को पत्र भेजकर इसका खुलासा किया है। अवर अभियंताओं ने कुओं के निर्माण/जीर्णोद्वार और चेकडेमो के कार्यों का आदेश करते समय ही उच्च अधिकारियों द्वारा 15 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाया है। जेई संगठन द्वारा मामले का खुलासा करने से विभाग में हड़कंप मच गया है।
गौरतलब हो कि करीब पखवारे भर पूर्व अमर उजाला में कागजों पर हो गए कुओं का निर्माण की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होते ही जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए थे। इस बीच आरोपों में घिरते अवर अभियंता संघ ने विगत 18 मई को डिप्लोमा इंजीनियर लघु सिंचाई विभाग के इंजीनियर सचिव संजय कुमार, शिव मूर्तिराम, ओपी शुक्ला, आरके सिंह, राजीव श्रीवास्तव, राजीव नयन उपाध्याय, ओमप्रकाश, जैसवार ओमप्रकाश, रामजी सिंह, एलपी यादव ने प्रमुख सचिव/ मुख्य अभियंता को पत्र भेजकर कुओं के निर्माण/जीर्णोद्वार एवं चेकडेमों के निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितता की शिकायत की है। पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता द्वारा कुएं के निर्माण/जीर्णोद्वार एवं चेकडेमों के प्राक्कलित लागत का 15 प्रतिशत एग्रीमेंट के समय ठेकेदारों से बतौर सुविधा शुल्क लिया गया है। ऐसे में ठेकेदार हमेशा अधिक भुगतान करने के लिए दबाव व निर्माण कार्य मानक के विपरीत कराते हैं। शिकायतकर्ताओं ने एग्रीमेंट की पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने एवं अधिकारियों द्वारा वसूले गए धन को सरकारी राहत कोष में जमा कराने अथवा अधिकारी स्वेच्छा से वसूले गए धन को जमा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों से वसूले गए धन के जमा होने के बाद ही जेई ठेकेदारों से मानक के अनुसार कार्य करा सकते हैं।
जो शिकायत करता है, उसके पास साक्ष्य होता है। अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से सुविधा शुल्क लेने की शिकायत करने वाले जेई संगठन के पास कमीशन लेने का प्रमाण होंगे। शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी।
एसपी राम सहायक अधिशासी अभियंता
लघु सिंचाई विभाग सोनभद्र