सोनभद्र। सोनांचल में काफी जद्दोजहद के बाद भत्ते की आस में पंजीयन कराने वालों को निराशा हाथ लगी है। अब तक 56 हजार पंजीकृत बेरोजगारों में करीब पंद्रह हजार बेरोजगारों को ही भत्ता मिल सकेगा। यही नहीं इस भत्ते के चक्कर में सेवा योजन की सहायता से स्थायी रोजगार के उपक्रम में लगे बेरोजगारों को निराशा हाथ लगेगी। सेवा योजन कार्यालय द्वारा चलाए जा रहे एमइएस, सेवायोजिता बढ़ाने, कैरियर काउंसलिंग, रोजगार मेले जैसे रोजगार दिलाने वाले योजनाओं के बंद होने की आशंका हो गई है। इससे प्रतिवर्ष एक हजार बेरोजगारों के स्थायी रोजगार की राह बंद हो जाएगी।
सपा ने सरकार गठन के बाद बेरोजगारों को भत्ता देने की घोषणा की थी। पूर्व में मिले भत्ते की याद आते ही युवा से बुजुर्ग तक पंजीयन के लिए सेवायोजन कार्यालय पहुंचने लगे। यहां तक कि सत्तर से बहत्तर वर्ष तक के बुजुर्गों ने स्वयं को बेरोजगार दिखा कर पंजीयन कराया। 31 मार्च तक सोनांचल में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 56 हजार पार कर गई थी। इसमें करीब पैतीस हजार पंजीयन अकेले मार्च माह में हुए और इसमें भी आधे से अधिक पंद्रह मार्च के बाद पंजीकृत हुए। इसी बीच शासन द्वारा भत्ते के लिए पंद्रह मार्च तक सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन, तीस से चालीस वर्ष उम्र, हाईस्कूल पास अनिवार्य, परिवार की आय तथा पंजीकृत बेरोजगारों से काम लेने सहित कई शर्तें जोड़ दी। पहले तो सेवा योजन कार्यालय के लोग स्पष्ट आदेश न मिलने से पंजीयन कराने में परेशान रहे और अब पंद्रह मार्च के पूर्व पंजीयन वालों को अलग करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। कम समय की वजह से सभी अधिकारी कर्मचारी इसी काम में जुट गए हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो शासन की नियम शर्तों के अनुसार जिले में पंजीकृत 56 हजार बेरोजगारों में करीब पंद्रह हजार बेरोजगार भत्ते लायक है। इन सबके बीच बड़ी बात यह है कि भत्ते के चक्कर में सेवा योजन कार्यालय का मुख्य कार्य हासिए पर चला गया है। बेरोजगारों को रोजगार लायक बनाने के लिए चलायी जा रही योजनाएं बंदी केे कगार पर है। इन योजनाओं से एक वर्ष में एक हजार बेरोजगार स्थायी रोजगार पाते थे, लेकिन भत्ते के चक्कर में स्थायी रोजगार की राह मुश्किल हो गई है। सेवायोजन विभाग द्वारा वर्तमान में कैरियर काउंसलिंग, वोकेशनल ट्रेनिंग (एमइएस), सेवायोजकता बढ़ाने के अलावा रोजगार मेले का आयोजन कर पंजीकृत बेरोजगारों को स्थायी रोजगार की राह पकड़ाता रहा है। सोनांचल में प्रतिवर्ष सेवायोजिता बढ़ाने के प्रोग्राम के तहत 30 बेरोजगारों को रोजगार लायक बनाया जाता है। इसी तरह कैरियर काउंसलिंग में प्रति वर्ष दर्जनों बच्चों को कैरियर की राह दिखाई जाती है। प्रतिवर्ष लगने वाले रोजगार मेले में सात सौ से आठ सौ बेरोजगारों को प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार दिलाया जाता रहा है। इस तरह एक हजार रुपये प्रति माह भत्ते के चक्कर में स्थायी रोजगार की राह मुश्किल हो गई है।
सभी योजनाओं का संचालन चुनौती
बेरोजगारी भत्ते ने परेशानी बढ़ा दी है लेकिन शासन की प्राथमिकता वाले इसे हम सभी चुनौती के रूप में ले रहे हैं। कुछ दिनों तक तो अन्य योजनाएं कुछ हद तक प्रभावित होगी लेकिन किसी योजना को बंद नहीं होने दिया जाएगा। जनपद के करीब पंद्रह हजार बेरोजगारों को भत्ता मिलेगा लेकिन सही आंकड़ा तभी पता चलेगा जब बेरोजगार भत्ते के लिए आवेदन करेंगे।
रमेश चंद्रा, सेवायोजन अधिकारी
अब जुटेगी तहसीलों में भीड़
सोनभद्र। सरकार गठन के बाद से ही जिस तरह सेवा योजन कार्यालयों पर जिस तरह भीड़ जुटी थी वही स्थिति अब तहसीलों में आने वाली है। भत्ते के लिए निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि की मांग की गई है। ऐसे में भत्ते के लिए आवेदन करने के बाद बेरोजगार तहसीलों में जुटेंगे। यही नहीं इसका फायदा दलाल किस्म के लोग भी उठा सकते हैं।
कई परिवारों का टूटेगा सपना
सोनभद्र। शासन द्वारा बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा के बाद एक ही परिवार के कई लोगों ने पंजीयन करा लिए हैं। एक ही परिवार के पांच से छह लोगों ने एक हजार रुपये प्रति माह भत्ते की आस लगा ली थी लेकिन परिवार की आय साठ हजार रुपये वार्षिक घोषित कर शासन ने युवाओं के सपनों पर पानी फेर दिया है। यही नहीं कई शर्तें होने से युवाओं के सामने मुश्किल आ र्गई है।
सोनभद्र। सोनांचल में काफी जद्दोजहद के बाद भत्ते की आस में पंजीयन कराने वालों को निराशा हाथ लगी है। अब तक 56 हजार पंजीकृत बेरोजगारों में करीब पंद्रह हजार बेरोजगारों को ही भत्ता मिल सकेगा। यही नहीं इस भत्ते के चक्कर में सेवा योजन की सहायता से स्थायी रोजगार के उपक्रम में लगे बेरोजगारों को निराशा हाथ लगेगी। सेवा योजन कार्यालय द्वारा चलाए जा रहे एमइएस, सेवायोजिता बढ़ाने, कैरियर काउंसलिंग, रोजगार मेले जैसे रोजगार दिलाने वाले योजनाओं के बंद होने की आशंका हो गई है। इससे प्रतिवर्ष एक हजार बेरोजगारों के स्थायी रोजगार की राह बंद हो जाएगी।
सपा ने सरकार गठन के बाद बेरोजगारों को भत्ता देने की घोषणा की थी। पूर्व में मिले भत्ते की याद आते ही युवा से बुजुर्ग तक पंजीयन के लिए सेवायोजन कार्यालय पहुंचने लगे। यहां तक कि सत्तर से बहत्तर वर्ष तक के बुजुर्गों ने स्वयं को बेरोजगार दिखा कर पंजीयन कराया। 31 मार्च तक सोनांचल में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 56 हजार पार कर गई थी। इसमें करीब पैतीस हजार पंजीयन अकेले मार्च माह में हुए और इसमें भी आधे से अधिक पंद्रह मार्च के बाद पंजीकृत हुए। इसी बीच शासन द्वारा भत्ते के लिए पंद्रह मार्च तक सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन, तीस से चालीस वर्ष उम्र, हाईस्कूल पास अनिवार्य, परिवार की आय तथा पंजीकृत बेरोजगारों से काम लेने सहित कई शर्तें जोड़ दी। पहले तो सेवा योजन कार्यालय के लोग स्पष्ट आदेश न मिलने से पंजीयन कराने में परेशान रहे और अब पंद्रह मार्च के पूर्व पंजीयन वालों को अलग करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। कम समय की वजह से सभी अधिकारी कर्मचारी इसी काम में जुट गए हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो शासन की नियम शर्तों के अनुसार जिले में पंजीकृत 56 हजार बेरोजगारों में करीब पंद्रह हजार बेरोजगार भत्ते लायक है। इन सबके बीच बड़ी बात यह है कि भत्ते के चक्कर में सेवा योजन कार्यालय का मुख्य कार्य हासिए पर चला गया है। बेरोजगारों को रोजगार लायक बनाने के लिए चलायी जा रही योजनाएं बंदी केे कगार पर है। इन योजनाओं से एक वर्ष में एक हजार बेरोजगार स्थायी रोजगार पाते थे, लेकिन भत्ते के चक्कर में स्थायी रोजगार की राह मुश्किल हो गई है। सेवायोजन विभाग द्वारा वर्तमान में कैरियर काउंसलिंग, वोकेशनल ट्रेनिंग (एमइएस), सेवायोजकता बढ़ाने के अलावा रोजगार मेले का आयोजन कर पंजीकृत बेरोजगारों को स्थायी रोजगार की राह पकड़ाता रहा है। सोनांचल में प्रतिवर्ष सेवायोजिता बढ़ाने के प्रोग्राम के तहत 30 बेरोजगारों को रोजगार लायक बनाया जाता है। इसी तरह कैरियर काउंसलिंग में प्रति वर्ष दर्जनों बच्चों को कैरियर की राह दिखाई जाती है। प्रतिवर्ष लगने वाले रोजगार मेले में सात सौ से आठ सौ बेरोजगारों को प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार दिलाया जाता रहा है। इस तरह एक हजार रुपये प्रति माह भत्ते के चक्कर में स्थायी रोजगार की राह मुश्किल हो गई है।
सभी योजनाओं का संचालन चुनौती
बेरोजगारी भत्ते ने परेशानी बढ़ा दी है लेकिन शासन की प्राथमिकता वाले इसे हम सभी चुनौती के रूप में ले रहे हैं। कुछ दिनों तक तो अन्य योजनाएं कुछ हद तक प्रभावित होगी लेकिन किसी योजना को बंद नहीं होने दिया जाएगा। जनपद के करीब पंद्रह हजार बेरोजगारों को भत्ता मिलेगा लेकिन सही आंकड़ा तभी पता चलेगा जब बेरोजगार भत्ते के लिए आवेदन करेंगे।
रमेश चंद्रा, सेवायोजन अधिकारी
अब जुटेगी तहसीलों में भीड़
सोनभद्र। सरकार गठन के बाद से ही जिस तरह सेवा योजन कार्यालयों पर जिस तरह भीड़ जुटी थी वही स्थिति अब तहसीलों में आने वाली है। भत्ते के लिए निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि की मांग की गई है। ऐसे में भत्ते के लिए आवेदन करने के बाद बेरोजगार तहसीलों में जुटेंगे। यही नहीं इसका फायदा दलाल किस्म के लोग भी उठा सकते हैं।
कई परिवारों का टूटेगा सपना
सोनभद्र। शासन द्वारा बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा के बाद एक ही परिवार के कई लोगों ने पंजीयन करा लिए हैं। एक ही परिवार के पांच से छह लोगों ने एक हजार रुपये प्रति माह भत्ते की आस लगा ली थी लेकिन परिवार की आय साठ हजार रुपये वार्षिक घोषित कर शासन ने युवाओं के सपनों पर पानी फेर दिया है। यही नहीं कई शर्तें होने से युवाओं के सामने मुश्किल आ र्गई है।