बैढ़न। कोल इंडिया एससी/एसटी इंप्लाइज एसोसिएशन (सिस्टा) के दो दिवसीय राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन का गुरुवार को दुर्गामंडप केंद्रीय कर्मशाला जयंत में आगाज हुआ। मुख्य अतिथि पूर्व सीजीएम (एमपीआईआर) कोल इंडिया एवं सिस्टा के राष्ट्रीय संस्थापक आरएस राम तथा विशिष्ट अतिथि महाप्रबंधक (वित्त) एनसीएल एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, एएन राम ने बाबा साहेब और क्र्रांतिकारी बिरसा मुंडा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय संस्थापक आरएस राम ने कहा कि सभी लोग संकल्प लें कि सिस्टा के कारवां को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि 1991 में सिस्टा के गठन के बाद सीजीएम रहते हुए भी पूरा समय दलितोत्थान में दिया। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य है कि कोल इंडिया के सभी सिस्टा के भाइयों को एक सूत्र में बांधा जा सके। इसमें बड़ी कामयाबी मिली है। क्योंकि आज सीआईएल की सभी अनुषंगी इकाइयों में संगठन का अपना वजूद है। इस मौके पर उन्होंने दलित दर्पण पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया में सिस्टा के जरिए पदोन्नति में आरक्षण दिलाया। सभी कंपनियों में रोस्टर बनवाया एवं बैक लॉग के पदों को भरवाया। इसमें सीआईएल प्रबंधन का भी सहयोग रहा। उन्होंने कहा कई अहम मांगे अभी बाकी है जिसे एकजुट होकर हासिल किया जाएगा। विशिष्ट अतिथि एनसीएल के महाप्रबंधक वित्त एएन राम ने आरक्षण को दलितों का मूल अधिकार बताया। विशिष्ट अतिथि सिस्टा के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष बीजी खरखड ने बाबा साहेब के सपनों को साकार करने के लिए संपूर्ण दलित समुदाय का आह्वान किया। महासचिव परमहंस प्रसाद ने कहा कार्यस्थल पर अनुपस्थिति बंद की जाए। क्योंकि यहीं से दलितों का नुकसान शुरू होता है। उन्होंने नशाखोरी को समाज का दुश्मन बताया। उन्होंने निजीक्षेत्र में भी आरक्षण की मांग की। बोले अगर ऐसा नहीं हुआ तो दलित समुदाय 50 वर्ष पीछे जा सकता है। सभी बड़े सार्वजनिक संस्थानों को निजी क्षेत्र में सौंपने की साजिश भीतर ही भीतर रची जा रही है। अन्य वक्ताओं ने कहा जब तक जाति-पात की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाती आरक्षण जारी रहना चाहिए। अतिथियों का स्वागत सुबोध कुमार ने तथा संचालन राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष केके जोशी ने किया। अध्यक्षता एएन राम ने की। सम्मेलन में एनसीएल कर्मियों के अलावा बड़ी तादाद में महिलाएं, बालिकाएं और युवा मौजूद थे।