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रेउसा के 45 गांवों में घुसा पानी
Sitapur
Published by:
Updated Wed, 10 Jul 2013 05:30 AM IST
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कहीं भी, कभी भी।
सीतापुर। जिले की शारदा, घाघरा व चौका नदियों का जलस्तर बढ़ने से गांजरी इलाकों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नदी का पानी किनारों को छोड़कर गांवों की ओर रुख कर चुका है। मंगलवार देर शाम रेउसा क्षेत्र के 45 गांवों में पानी घुस गया है। इससे क्षेत्र की करीब 20 हजार आबादी प्रभावित है। वहीं 12 घर व 20 बीघा फसल कटकर नदी में समा गई है। प्रशासन द्वारा कटान प्रभावित गांवों से ग्रामीणों का पलायन जारी है। वहीं रामपुर मथुरा में घाघरा का जलस्तर बढ़ने से तीन गांवों में पानी घुसना शुरू हो गया है। कटान से 26 बीघा जमीन नदी ने लील ली है। तंबौर में भी नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग दहशत में है।
रेउसा प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में घाघरा के जलस्तर में मंगलवार देर शाम अचानक पानी बढ़ने से संबारीपुरवा, परमेश्वरपुरवा, मेड़ईपुरवा, गोड़ियनपुरवा, फौजदारपुरवा, दुर्गापुरवा, कबरियनपुरवा,लालापुरवा, ठेकेदारपुरवा, जैतहिया, मरेली, नगीनापुरवा, श्यामनगर, सलामतपुरवा, मुंशीपुरवा, भगत सिकरोहर, चौकीपुरवा, चंद्रभालपुरवा, सिसहिया बाजार, कबरियनपुरवा समेत करीब 45 गांवों में पानी घुस गया है। ग्रामीण गांवों में फंसे हैं। एकाएक पानी घुसने से आवागमन भी ठप हो गया है। प्रशासनिक अधिकारी भी मेड़ईपुरवा गांव से काफी मशक्कत कर बाहर निकल पाए हैं। 45 गांवों की करीब 20 हजार आबादी प्रभावित है। उधर, कटान के कारण मेड़ुईछोलहा निवासी पैरू, जाहिद, मुन्नी, असिन अली व महंतपुरवा गांव में बड़कऊ, रमजान, मिश्रीलाल, अनिलकुमार, बंशी, सोनेलाल, सोनू व कमलादेवी के घर कट गए हैं। एसडीएम बिसवां सर्वेश कुमार दीक्षित ने तहसील प्रशासन के साथ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया। मेड़ईपुरवा, मेड़ुईछोलहा, फौजदार, अंगपुर व महंतपुरवा में 49 कटान पीड़ितों को गृह अनुदान के रूप में 2500-2500 रुपये का चेक दिया गया। साथ ही 60 लोगों को तिरपाल व लाई-चने के पैकेट भी बांटे गए। प्रशासन ने महंतपुरवा में हो रही कटान के मद्देनजर 27 घरों को खाली कराया। इन घरों के लोग सड़क किनारे गुजर-बसर कर रहे हैं। उधर, काशीपुर, मल्लापुर, असईपुर, जैतहिया, चंद्रभालपुरवा, सिसहिया बाजार, लोधपुरवा, पासिनपुरवा, गार्गीपुरवा गांवों में भी कटान का सिलसिला जारी है।
रामपुर मथुरा प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के कमतापुरवा, झिनकूपुरवा, बलेसरपुरवा गांवों में घाघरा का जलस्तर बढ़ने के बाद पानी घुसना शुरू हो गया है। शुकुलपुरवा में प्राथमिक व जूनियर विद्यालय कटना शुरू हो गया है। विद्यालय के निकट स्थित रामचन्द्र यादव, रामतेज यादव, कल्लू व श्यामसुंदर के घर भी कटान के मुहाने पर हैं। ऐसे में इन लोगों ने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है। भागवतपुरवा निवासी रामशंकर, हरी, सरजू, रामसमुज, सुमित की 16 बीघा व बलेसरपुरवा निवासी छनकू, कन्हईलाल, श्यामलाल व धनेष की 10 बीघा जमीन भी कटकर नदी में समा गई है। वहीं अंगरौरा, अटौरा, शुकुलपुरवा व फतेहपुरवा में कई घर कटान के मुहाने पर हैं। एसडीएम एके सिंह व तहसीलदार घनश्याम वर्मा ने गांवों का निरीक्षण कर दुबेपुरवा के 10 लोगों को गृह अनुदान के रूप में 2500-2500 रुपये का चेक बांटा।
तंबौर प्रतिनिधि के अनुसार शारदा का जलस्तर मामूली बढ़ा है। बड़रिया में कटान जोरों पर है। करीब 10 बीघा जमीन कटकर नदी में समा गई है, जिससे नदी घरों के करीब पहुंच रही है। बड़रिया के साथ कम्हरिया, बोधवा, लालापुरवा, बुछनापुर, खालेपुर, मुसियाना, महसी, सैतियापुर समेत अन्य गांवों में भी कटान हो रही है।
सीतापुर। जिले की शारदा, घाघरा व चौका नदियों का जलस्तर बढ़ने से गांजरी इलाकों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नदी का पानी किनारों को छोड़कर गांवों की ओर रुख कर चुका है। मंगलवार देर शाम रेउसा क्षेत्र के 45 गांवों में पानी घुस गया है। इससे क्षेत्र की करीब 20 हजार आबादी प्रभावित है। वहीं 12 घर व 20 बीघा फसल कटकर नदी में समा गई है। प्रशासन द्वारा कटान प्रभावित गांवों से ग्रामीणों का पलायन जारी है। वहीं रामपुर मथुरा में घाघरा का जलस्तर बढ़ने से तीन गांवों में पानी घुसना शुरू हो गया है। कटान से 26 बीघा जमीन नदी ने लील ली है। तंबौर में भी नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग दहशत में है।
रेउसा प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में घाघरा के जलस्तर में मंगलवार देर शाम अचानक पानी बढ़ने से संबारीपुरवा, परमेश्वरपुरवा, मेड़ईपुरवा, गोड़ियनपुरवा, फौजदारपुरवा, दुर्गापुरवा, कबरियनपुरवा,लालापुरवा, ठेकेदारपुरवा, जैतहिया, मरेली, नगीनापुरवा, श्यामनगर, सलामतपुरवा, मुंशीपुरवा, भगत सिकरोहर, चौकीपुरवा, चंद्रभालपुरवा, सिसहिया बाजार, कबरियनपुरवा समेत करीब 45 गांवों में पानी घुस गया है। ग्रामीण गांवों में फंसे हैं। एकाएक पानी घुसने से आवागमन भी ठप हो गया है। प्रशासनिक अधिकारी भी मेड़ईपुरवा गांव से काफी मशक्कत कर बाहर निकल पाए हैं। 45 गांवों की करीब 20 हजार आबादी प्रभावित है। उधर, कटान के कारण मेड़ुईछोलहा निवासी पैरू, जाहिद, मुन्नी, असिन अली व महंतपुरवा गांव में बड़कऊ, रमजान, मिश्रीलाल, अनिलकुमार, बंशी, सोनेलाल, सोनू व कमलादेवी के घर कट गए हैं। एसडीएम बिसवां सर्वेश कुमार दीक्षित ने तहसील प्रशासन के साथ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया। मेड़ईपुरवा, मेड़ुईछोलहा, फौजदार, अंगपुर व महंतपुरवा में 49 कटान पीड़ितों को गृह अनुदान के रूप में 2500-2500 रुपये का चेक दिया गया। साथ ही 60 लोगों को तिरपाल व लाई-चने के पैकेट भी बांटे गए। प्रशासन ने महंतपुरवा में हो रही कटान के मद्देनजर 27 घरों को खाली कराया। इन घरों के लोग सड़क किनारे गुजर-बसर कर रहे हैं। उधर, काशीपुर, मल्लापुर, असईपुर, जैतहिया, चंद्रभालपुरवा, सिसहिया बाजार, लोधपुरवा, पासिनपुरवा, गार्गीपुरवा गांवों में भी कटान का सिलसिला जारी है।
रामपुर मथुरा प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के कमतापुरवा, झिनकूपुरवा, बलेसरपुरवा गांवों में घाघरा का जलस्तर बढ़ने के बाद पानी घुसना शुरू हो गया है। शुकुलपुरवा में प्राथमिक व जूनियर विद्यालय कटना शुरू हो गया है। विद्यालय के निकट स्थित रामचन्द्र यादव, रामतेज यादव, कल्लू व श्यामसुंदर के घर भी कटान के मुहाने पर हैं। ऐसे में इन लोगों ने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है। भागवतपुरवा निवासी रामशंकर, हरी, सरजू, रामसमुज, सुमित की 16 बीघा व बलेसरपुरवा निवासी छनकू, कन्हईलाल, श्यामलाल व धनेष की 10 बीघा जमीन भी कटकर नदी में समा गई है। वहीं अंगरौरा, अटौरा, शुकुलपुरवा व फतेहपुरवा में कई घर कटान के मुहाने पर हैं। एसडीएम एके सिंह व तहसीलदार घनश्याम वर्मा ने गांवों का निरीक्षण कर दुबेपुरवा के 10 लोगों को गृह अनुदान के रूप में 2500-2500 रुपये का चेक बांटा।
तंबौर प्रतिनिधि के अनुसार शारदा का जलस्तर मामूली बढ़ा है। बड़रिया में कटान जोरों पर है। करीब 10 बीघा जमीन कटकर नदी में समा गई है, जिससे नदी घरों के करीब पहुंच रही है। बड़रिया के साथ कम्हरिया, बोधवा, लालापुरवा, बुछनापुर, खालेपुर, मुसियाना, महसी, सैतियापुर समेत अन्य गांवों में भी कटान हो रही है।