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सीतापुर/खैराबाद। मखदूम साहब की दरगाह के मुख्य द्वार के सौंदर्यीकरण में पालिका की लेट-लतीफी आड़े आ रही है। कारण यह है कि इसे संवारने के लिए पालिका को बाकायदा प्रस्ताव देना है, मगर वह अब तक उसे मुहैया नहीं करा पाई है। यही वजह है कि इस कार्य में देरी हो रही है, हालांकि अल्पसंख्यक विभाग ने बीस लाख का बजट आवंटन करने की डिमांड प्रशासन से रखी है।
सूफी संतों की दरगाहों के जीर्णोद्धार के लिए प्रदेश सरकार ने यूपी में 32 सूफी संतों के स्थल चयनित किए गए हैं। इस फेहरिस्त में जनपद के खैराबाद के मखदूम साहब की दरगाह को 30 व बिसवां के हजरत गुलजार शाह की दरगाह 31 वें पायदान पर हैं। अब खैराबाद के सूफी संत मखदूम साहब की दरगाह को संवारने का काम होगा। सभी कार्य पर्यटन विकास योजना से कराए जाएंगे। उधर, सदर विधायक ने भी दरगाह के मुख्य द्वार के लिए अपनी निधि से बीस लाख दिए हैं। खैराबाद के मखदूम साहब की दरगाह को संवारने को तहसील और पालिका प्रशासन ने न सिर्फ चयनित कर ली है, बल्कि उसे शासन को भी भेज दिया है। विधायक निधि से मुख्य द्वार का निर्माण के लिए पालिका को स्टीमेंट का प्रस्ताव बनाकर देना है। लेकिन वह अब तक यह प्रस्ताव अल्पसंख्यक विभाग को मुहैया करा नहीं पाई है। विभागीय जानकारों की मानें, मखदूम साहब की दरगाह के मुख्य द्वार को संवारने के कार्य में पालिका का प्रस्ताव आड़े आ रहा है। जिस कारण इस कार्य में समय लग रहा है। प्रस्ताव मिलते ही मखदूम साहब की दरगाह के मुख्य द्वार को संवारने का काम शुरू करा दिया जाएगा।
सीतापुर/खैराबाद। मखदूम साहब की दरगाह के मुख्य द्वार के सौंदर्यीकरण में पालिका की लेट-लतीफी आड़े आ रही है। कारण यह है कि इसे संवारने के लिए पालिका को बाकायदा प्रस्ताव देना है, मगर वह अब तक उसे मुहैया नहीं करा पाई है। यही वजह है कि इस कार्य में देरी हो रही है, हालांकि अल्पसंख्यक विभाग ने बीस लाख का बजट आवंटन करने की डिमांड प्रशासन से रखी है।
सूफी संतों की दरगाहों के जीर्णोद्धार के लिए प्रदेश सरकार ने यूपी में 32 सूफी संतों के स्थल चयनित किए गए हैं। इस फेहरिस्त में जनपद के खैराबाद के मखदूम साहब की दरगाह को 30 व बिसवां के हजरत गुलजार शाह की दरगाह 31 वें पायदान पर हैं। अब खैराबाद के सूफी संत मखदूम साहब की दरगाह को संवारने का काम होगा। सभी कार्य पर्यटन विकास योजना से कराए जाएंगे। उधर, सदर विधायक ने भी दरगाह के मुख्य द्वार के लिए अपनी निधि से बीस लाख दिए हैं। खैराबाद के मखदूम साहब की दरगाह को संवारने को तहसील और पालिका प्रशासन ने न सिर्फ चयनित कर ली है, बल्कि उसे शासन को भी भेज दिया है। विधायक निधि से मुख्य द्वार का निर्माण के लिए पालिका को स्टीमेंट का प्रस्ताव बनाकर देना है। लेकिन वह अब तक यह प्रस्ताव अल्पसंख्यक विभाग को मुहैया करा नहीं पाई है। विभागीय जानकारों की मानें, मखदूम साहब की दरगाह के मुख्य द्वार को संवारने के कार्य में पालिका का प्रस्ताव आड़े आ रहा है। जिस कारण इस कार्य में समय लग रहा है। प्रस्ताव मिलते ही मखदूम साहब की दरगाह के मुख्य द्वार को संवारने का काम शुरू करा दिया जाएगा।