सिद्धार्थनगर। क्राइम ब्रांच की टीम ने सोमवार को अंतर जनपदीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से बीस हजार रुपये, तीन मोबाइल फोन, चार वोटर कार्ड, छह सिम बरामद किए गए। एसपी ने टीम के सदस्यों को 3500 रुपये देकर सम्मानित किया।
एसपी ऑफिस में एसपी श्रीपर्णा गांगुली ने बताया कि क्राइम ब्रांच के प्रभारी दुर्गा प्रसाद तिवारी के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी। टीम के एसआई निर्भय नरायन सिंह और शिवाकांत मिश्रा पीआरओ सेल को सूचना मिली। सोमवार की सुबह एसबीआई की मुख्य शाखा के सामने से सुलेमान उर्फ जाकिर अंसारी निवासी जमुनिया जैसबली टोटा थाना कोटवा मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार, अरुण कुमार सिंह निवासी दिलमन छपरा थाना केसरिया जिला मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार और सुनील पटेल निवासी दिलमन छपरा थाना केसरिया जिला मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार को गिरफ्तार किया।
उनके कब्जे से कागज से बनी नोटों की गड्डी मिली। तलाशी के दौरान 20 गड्डी थी। उस पर सौ-सौ रुपये की नए नोट ऊपर और नीचे रबर से बांधे गए मिले। बीस हजार रुपये की गड्डी, तीन मोबाइल फोन, चार वोटर कार्ड (दो नकली) और छह सिम बरामद हुए। एसपी श्रीपर्णा गांगुली ने 3500 रुपये का पुरस्कार देकर टीम को सम्मानित किया। इस दौरान क्राइम ब्रांच के कांस्टेबल कमलेश पांडेय, इंद्रजीत सिंह, गगेंश कुुमार वर्मा आदि मौजूद रहे।
मास्टर माइंड पहले जा चुका है जेल
ठगी के गिरोह का असली मास्टरमांइड सुलेमान उर्फ जाकिर है। यह हर बार बिहार के अलग-अलग लोगों को ठगी के काम में लाता था। उनसे ठगी का धंधा करवाता था। इसका नेटवर्क पूर्वांचल में फैला है। सुलेमान पांच लाख नब्बे हजार जाली नोट की करंसी के साथ 2008 में खेसरहा थाना क्षेत्र में पकड़ा भी गया था। करीब साढ़े चार सालों तक सलाखों के पीछे रहा। उस दौरान उसके साथ ममता नामक एक महिला भी पकड़ी गई थी। उसके पास भी नकली नोट मिले थे। मौजूदा समय में वह बिहार के सीतामढ़ी में है। सुलेमान पर गैंगस्टर समेत कई मुकदमे खेसरहा थाना में दर्ज हैं।
सिद्धार्थनगर। क्राइम ब्रांच की टीम ने सोमवार को अंतर जनपदीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से बीस हजार रुपये, तीन मोबाइल फोन, चार वोटर कार्ड, छह सिम बरामद किए गए। एसपी ने टीम के सदस्यों को 3500 रुपये देकर सम्मानित किया।
एसपी ऑफिस में एसपी श्रीपर्णा गांगुली ने बताया कि क्राइम ब्रांच के प्रभारी दुर्गा प्रसाद तिवारी के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी। टीम के एसआई निर्भय नरायन सिंह और शिवाकांत मिश्रा पीआरओ सेल को सूचना मिली। सोमवार की सुबह एसबीआई की मुख्य शाखा के सामने से सुलेमान उर्फ जाकिर अंसारी निवासी जमुनिया जैसबली टोटा थाना कोटवा मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार, अरुण कुमार सिंह निवासी दिलमन छपरा थाना केसरिया जिला मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार और सुनील पटेल निवासी दिलमन छपरा थाना केसरिया जिला मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार को गिरफ्तार किया।
उनके कब्जे से कागज से बनी नोटों की गड्डी मिली। तलाशी के दौरान 20 गड्डी थी। उस पर सौ-सौ रुपये की नए नोट ऊपर और नीचे रबर से बांधे गए मिले। बीस हजार रुपये की गड्डी, तीन मोबाइल फोन, चार वोटर कार्ड (दो नकली) और छह सिम बरामद हुए। एसपी श्रीपर्णा गांगुली ने 3500 रुपये का पुरस्कार देकर टीम को सम्मानित किया। इस दौरान क्राइम ब्रांच के कांस्टेबल कमलेश पांडेय, इंद्रजीत सिंह, गगेंश कुुमार वर्मा आदि मौजूद रहे।
मास्टर माइंड पहले जा चुका है जेल
ठगी के गिरोह का असली मास्टरमांइड सुलेमान उर्फ जाकिर है। यह हर बार बिहार के अलग-अलग लोगों को ठगी के काम में लाता था। उनसे ठगी का धंधा करवाता था। इसका नेटवर्क पूर्वांचल में फैला है। सुलेमान पांच लाख नब्बे हजार जाली नोट की करंसी के साथ 2008 में खेसरहा थाना क्षेत्र में पकड़ा भी गया था। करीब साढ़े चार सालों तक सलाखों के पीछे रहा। उस दौरान उसके साथ ममता नामक एक महिला भी पकड़ी गई थी। उसके पास भी नकली नोट मिले थे। मौजूदा समय में वह बिहार के सीतामढ़ी में है। सुलेमान पर गैंगस्टर समेत कई मुकदमे खेसरहा थाना में दर्ज हैं।