शामली सीएचसी में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं की जांच करते चिकित्सा अधीक्षक।
- फोटो : SHAMLI
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शामली। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बनत की चार छात्राओं में खसरा रोग जैसे लक्षण मिलने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। स्वास्थ्य टीम ने विद्यालय पहुंचकर सभी छात्राओं की जांच की और उन्हें विटामिन ए की दवा पिलाई। उपचार के बाद छात्राओं की हालत में सुधार होना बताया है।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बनत की चार छात्राओं को नीशू (13), आसमां (12), आरती (16), सपना (14) को बुखार, जुकाम और खांसी की शिकायत होने पर सोमवार को सीएचसी शामली में उपचार के लिए लाया गया था। जांच के दौरान छात्राओं के हाथ और शरीर पर त्वचा पर रैशेज यानि लाल रंग के छोटे-छोटे दाने दिखाई दिए। चारों छात्राओं में खसरा रोग जैसे लक्षण मिलने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। उपचार के बाद छात्राओं को विद्यालय भेज दिया गया था। मंगलवार को भी छात्राओं की सीएचसी में जांच की गई। सीएचसी के चिकित्साधीक्षक डा. रमेश चंद्रा ने बताया कि सभी छात्राएं ठीक है। उन्हें अब बुखार नहीं है। उधर, सीएमओ डा. संजय भटनागर के निर्देश पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कुड़ाना की टीम ने विद्यालय पहुंचकर सभी छात्राओं को विटामिन ए की दवा पिलाई।
इस संबंध में सीएमओ ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की चार छात्राओं को बुखार होने की जानकारी मिली थी। त्वचा पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने दिखाई दिए है। इस तरह के रैशेज वायरल फीवर या अन्य कई वजह से भी हो सकते है। चारों छात्राओं का स्वास्थ्य ठीक है और उन्हें अब बुखार भी नहीं है। छात्राओं में खसरा जैसी कोई बात नहीं लग रही है। एहतियात के तौर पर सभी छात्राओं को विटामिन ए की दवा पिलाई गई है। विटामिन ए की दवा से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और खसरा आदि बीमारियों से बचाव भी होता है। सीएमओ का कहना है कि खसरा सात-आठ साल की उम्र के बच्चों में खसरा होता है जबकि छात्राओं की उम्र 12 से 16 साल है। इसलिए उनमें खसरा होने की संभावना न के बराबर है।
डब्ल्यूएचओ की टीम आज छात्राओं के रक्त नमूने लेगी
शामली। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. राजकुमार सागर ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की टीम बुधवार को चारों छात्राओं के रक्त नमूने लेगी, ताकि त्वचा पर बने रैशेज का पता चल सके कि वे किस कारण से हुए है। रक्त नमूनों को जांच के लिए चंडीगढ़ भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
शामली। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बनत की चार छात्राओं में खसरा रोग जैसे लक्षण मिलने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। स्वास्थ्य टीम ने विद्यालय पहुंचकर सभी छात्राओं की जांच की और उन्हें विटामिन ए की दवा पिलाई। उपचार के बाद छात्राओं की हालत में सुधार होना बताया है।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बनत की चार छात्राओं को नीशू (13), आसमां (12), आरती (16), सपना (14) को बुखार, जुकाम और खांसी की शिकायत होने पर सोमवार को सीएचसी शामली में उपचार के लिए लाया गया था। जांच के दौरान छात्राओं के हाथ और शरीर पर त्वचा पर रैशेज यानि लाल रंग के छोटे-छोटे दाने दिखाई दिए। चारों छात्राओं में खसरा रोग जैसे लक्षण मिलने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। उपचार के बाद छात्राओं को विद्यालय भेज दिया गया था। मंगलवार को भी छात्राओं की सीएचसी में जांच की गई। सीएचसी के चिकित्साधीक्षक डा. रमेश चंद्रा ने बताया कि सभी छात्राएं ठीक है। उन्हें अब बुखार नहीं है। उधर, सीएमओ डा. संजय भटनागर के निर्देश पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कुड़ाना की टीम ने विद्यालय पहुंचकर सभी छात्राओं को विटामिन ए की दवा पिलाई।
इस संबंध में सीएमओ ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की चार छात्राओं को बुखार होने की जानकारी मिली थी। त्वचा पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने दिखाई दिए है। इस तरह के रैशेज वायरल फीवर या अन्य कई वजह से भी हो सकते है। चारों छात्राओं का स्वास्थ्य ठीक है और उन्हें अब बुखार भी नहीं है। छात्राओं में खसरा जैसी कोई बात नहीं लग रही है। एहतियात के तौर पर सभी छात्राओं को विटामिन ए की दवा पिलाई गई है। विटामिन ए की दवा से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और खसरा आदि बीमारियों से बचाव भी होता है। सीएमओ का कहना है कि खसरा सात-आठ साल की उम्र के बच्चों में खसरा होता है जबकि छात्राओं की उम्र 12 से 16 साल है। इसलिए उनमें खसरा होने की संभावना न के बराबर है।
डब्ल्यूएचओ की टीम आज छात्राओं के रक्त नमूने लेगी
शामली। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. राजकुमार सागर ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की टीम बुधवार को चारों छात्राओं के रक्त नमूने लेगी, ताकि त्वचा पर बने रैशेज का पता चल सके कि वे किस कारण से हुए है। रक्त नमूनों को जांच के लिए चंडीगढ़ भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।