पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
अमर उजाला ब्यूरो
शामली। कैराना में 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब ढाई लाख मतों से बंपर जीत करने वाली भाजपा 2018 के उपचुनाव में हारी तो खूब फजीहत हुई। पार्टी दोबारा ये सब दोहराना नहीं चाहती थी, लिहाजा इस बार टिकट देने में वक्त लगाया। एन वक्त पर हुकुम सिंह की बेटी मृगांका का टिकट काटकर गंगोह से विधायक प्रदीप चौधरी को थमाया गया तो खूब विरोध हुआ। हुकुम सिंह समर्थक सड़कों पर उतरने को तैयार हो गए, लेकिन पार्टी हाईकमान ने पूरी प्लानिंग से ये निर्णय लिया था। हाईकमान गंगोह और नकुड़ की अपनी कमजोरी दूर करना चाहता था और उसका ये प्लान पूरी तरह कारगर साबित हुआ।
2018 के उपचुनाव में भाजपा ने शामली विस की शामली और कैराना विस सीटों पर तो बढ़त बनाई लेकिन थानाभवन, गंगोह और नकुड़ में वो बुरी तरह पिछड़ गई। गंगोह में करीब 14 हजार और नकुड़ में 28 हजार मतों से भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह पिछड़ी। पार्टी भांप गई कि ये दोनों विस सीट ही उसकी हार की वजह हैं लिहाजा पार्टी ने प्रदीप चौधरी पर दांव खेला। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदीप के परिवार की अच्छी राजनीतिक छवि और कई बार जीत इसमें प्लस प्वाइंट रहा। दूसरा प्वाइंट रहा कि गंगोह और नकुड़ दोनों में ही गुर्जर बिरादरी की अच्छी खासी वोट भी थी। उधर प्रदीप चौधरी प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा के भी काफी नजदीकी थी। इन वजहों के चलते ही पार्टी ने प्रदीप पर दांव चल दिया।
मगर टिकट कटने से आहत हुकुम परिवार से जुड़े उनके समर्थकों के बगावती सुर देख पार्टी हाईकमान से जल्दबाजी नहीं दिखाई। हाईकमान ने मृगांका सिंह से ना केवल बात की बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकुड़ में हुई रैली में भी मृगांका को मंच पर जगह मिली। मोदी और योगी दोनों ने ही हुकुम सिंह परिवार के बारे में काफी बातें की। पार्टी हाईकमान की इसी प्लानिंग का असर हुआ था कि कैराना क्षेत्र का हुकुम सिंह समर्थक नाराज गुर्जर मतदाता ने भी प्रदीप के पक्ष में एकतरफा खुलकर मतदान किया। उधर गुर्जर नेता वीरेंद्र सिंह को भी पार्टी में शामिल किया गया। प्रदीप ने भी गंगोह में अपने प्रभाव का फायदा उठाया। यही वजह रही कि उपचुनाव में इस सीट पर 14 हजार से पिछड़ने वाली भाजपा यहां से 30 हजार मतों से आगे रही। नकुड़ में 28 हजार मतों से पीछे रहने वाली भाजपा यहां से केवल चार हजार मत ही पीछे रही जबकि उपचुनाव में थानाभवन में 14 हजार से पीछे रहने के बाद इस बार पार्टी 14 हजार मतों से आगे रही।
जाट और अनुसूचित जाति का भी मिला साथ
विधानसभा वार चुनाव नतीजों से लग रहा है कि भाजपा को जाटों के अलावा अनुसूचित जाति के भी काफी मत मिले हैं। थानाभवन नकुड़ और गंगोह विस सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाता भी काफी अधिक हैं। उपचुनाव में जाट और अनुसूचित जाति के मतदाताओं का रुझान रालोद प्रत्याशी की तरफ रहा था, जो इस बार काफी हद तक भाजपा प्रत्याशी की ओर रहा। जाट मतों का साथ नहीं मिलने की वजह इस बार गठबंधन प्रत्याशी सपा के टिकट पर चुनाव में था, जबकि उपचुनाव में रालोद के सिंबल पर तबस्सुम ने चुनाव लड़ा था। दूसरी वजह अनुसूचित जाति के वोटर्स ने भी तबस्सुम से ज्यादा भाजपा को पसंद किया।
किस विधानसभा में किसको कितनी बढ़त
शामली विस में उपचुनाव में भाजपा 400 मतों से आगे थी इस बार भाजपा 36312 मतों से आगे रही।
गंगोह विस सीट पर उपचुनाव में भाजपा 14 हजार से पिछड़ी थी। इस बार 30256 मतों से आगे रही।
कैराना विस सीट पर उपचुनाव में भाजपा 11 हजार मतों से आगे थी इस बार 15481 मतों से आगे रही।
थानाभवन विस सीट पर उपचुनाव में भाजपा 14 हजार से पिछडी इस बार 12050 मतों से आगे रही।
नकुड़ विस सीट पर उपचुनाव में 28 हजार से पिछड़ने वाली भाजपा इस बार 4058 मतों से पिछड़ी।
फ्लैश बैक
लोकसभा उपचुनाव 2018
तबस्सुम हसन विजयी रालोद 4.81182
मृगांका सिंह भाजपा 4,36,564
लोकसभा चुनाव 2014
हुकुम सिंह भाजपा 5,65,909
नाहिद हसन सपा 3,29,081
कंवर हसन बसपा 160414
करतार भड़ाना रालोद 42706
लोकसभा चुनाव 2009
तबस्सुम हसन बसपा 283259
हुकुम सिंह भाजपा 260796
शाजान मसूद सपा 124802
सुरेंद्र सिंह कांग्रेस 37795