पुवायां। देश की सरकार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं। प्रयास है कि युवा नौकरी करने के बजाय अपना रोजगार शुरू करें और दूसरों को रोजगार दें। इसी मंशा के साथ वर्ष 2008-09 में गांव जेबां में सरस हाट बनाई गई थी। इसका मकसद था कि बेरोजगार युवा यहां ग्रामीणों की जरूरत के लिए एक ही छत के नीचे खाद, बीज, दवा सहित अन्य कारोबार शुरू करें ताकि ग्रामीणों को यह सारा सामान सुगमता से उपलब्ध हो सके। मगर स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत जेबा में बनी सरस हाट सिस्टम की बदहाली का शिकार हो गई। निर्माण के लंबे समय बाद भी हाट में बनी दुकानों का अब तक आवंटन नहीं किया गया और अब यहां अवैध कब्जे शुरू हो गए हैं।
इस महत्वाकांक्षी योजना की बदहाली का आलम यह है कि स्थानीय अधिकारियों को जेबां में बनी सरस हाट की लागत की जानकारी तक नहीं है। लगभग 20 दुकानों में लोगों ने अवैध कब्जा कर भूसा भर रखा है। हाट के चबूतरे पर लोग अपने पशु बांधते हैं और परिसर में अवैध कब्जा कर भूसे के गूंगे, उपलों के ढेर लगाने के साथ ही ग्रामीणों के ट्रैक्टर-ट्रॉली आदि खड़े रहते हैं। तमाम दुकानों के शटर गल चुके हैं, जिनमें लोगों ने तिरपाल बांधकर भूसा भर रखा है। अधिकारियों के ध्यान नहीं देने के कारण बेरोजगारों को रोजगार देने वाली शासन की यह योजना बेकार गई। साथ ही लाखों की संपत्ति पर अवैध कब्जे भी हो गए।
निर्माण के बाद कोई पलटकर देखने नहीं आया
वर्ष 2008-09 में सरस हाट का निर्माण होने के बाद इसका उद्घाटन कराकर कारोबार शुरू कराना तो दूर की बात अफसर पलटकर इसे देखने भी नहीं पहुंचे। पहले गांव वालों में भी इसको लेकर उत्सुकता रही है लेकिन लंबा समय बीतने के बाद अब कोई इसकी बात नहीं करता। दो साल पहले ग्राम प्रधान ने जरूर इसे शुरू कराने के लिए पत्राचार किया लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सरस हाट के नाम पर बजट खर्च कर बंदरबांट किया गया। इसके बाद कोई ध्यान नहीं दिया गया। पुवायां में जेबां, टकेली, सबली कटेली में सरस हाट बनी है, लेकिन इनका लोगों को लाभ नहीं मिल सका। - अनिल यादव, तहसील अध्यक्ष भाकियू पुवायां
वर्ष 2016-17 में सरस काट में रंगाई पुताई, मिट्टी का कार्य कराया था। इसके बाद आवंटन कराने के लिए अधिकारियों से पत्राचार किया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। सरस हाट की दुकानों का आवंटन किया जाना चाहिए, जिससे शासन की मंशा सफल हो सके।- रैना देवी, प्रधान, जेबां-पुवायां
जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं अधिकारी
पुवायां के मंडी सचिव शैलेंद्र कुमार का कहना है कि उनके विभाग का सरस हाट से कोई लेना देना नहीं है। इस संबंध में सहकारिता विभाग ही कुछ बता सकता है। वहीं, एआर कोऑरेटिव को कहना कि सहकारिता विभाग सरस हाट नहीं बनवाता है। मंडी सचिव ही कुछ बता सकते हैं।
गांव जेबां की सरस हाट पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। जल्द ही कब्जा हटवाया जाएगा और दुकानों के आवंटन के बारे में प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
सौरभ भट्ट, एसडीएम पुवायां
पुवायां। देश की सरकार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं। प्रयास है कि युवा नौकरी करने के बजाय अपना रोजगार शुरू करें और दूसरों को रोजगार दें। इसी मंशा के साथ वर्ष 2008-09 में गांव जेबां में सरस हाट बनाई गई थी। इसका मकसद था कि बेरोजगार युवा यहां ग्रामीणों की जरूरत के लिए एक ही छत के नीचे खाद, बीज, दवा सहित अन्य कारोबार शुरू करें ताकि ग्रामीणों को यह सारा सामान सुगमता से उपलब्ध हो सके। मगर स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत जेबा में बनी सरस हाट सिस्टम की बदहाली का शिकार हो गई। निर्माण के लंबे समय बाद भी हाट में बनी दुकानों का अब तक आवंटन नहीं किया गया और अब यहां अवैध कब्जे शुरू हो गए हैं।
इस महत्वाकांक्षी योजना की बदहाली का आलम यह है कि स्थानीय अधिकारियों को जेबां में बनी सरस हाट की लागत की जानकारी तक नहीं है। लगभग 20 दुकानों में लोगों ने अवैध कब्जा कर भूसा भर रखा है। हाट के चबूतरे पर लोग अपने पशु बांधते हैं और परिसर में अवैध कब्जा कर भूसे के गूंगे, उपलों के ढेर लगाने के साथ ही ग्रामीणों के ट्रैक्टर-ट्रॉली आदि खड़े रहते हैं। तमाम दुकानों के शटर गल चुके हैं, जिनमें लोगों ने तिरपाल बांधकर भूसा भर रखा है। अधिकारियों के ध्यान नहीं देने के कारण बेरोजगारों को रोजगार देने वाली शासन की यह योजना बेकार गई। साथ ही लाखों की संपत्ति पर अवैध कब्जे भी हो गए।
निर्माण के बाद कोई पलटकर देखने नहीं आया
वर्ष 2008-09 में सरस हाट का निर्माण होने के बाद इसका उद्घाटन कराकर कारोबार शुरू कराना तो दूर की बात अफसर पलटकर इसे देखने भी नहीं पहुंचे। पहले गांव वालों में भी इसको लेकर उत्सुकता रही है लेकिन लंबा समय बीतने के बाद अब कोई इसकी बात नहीं करता। दो साल पहले ग्राम प्रधान ने जरूर इसे शुरू कराने के लिए पत्राचार किया लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सरस हाट के नाम पर बजट खर्च कर बंदरबांट किया गया। इसके बाद कोई ध्यान नहीं दिया गया। पुवायां में जेबां, टकेली, सबली कटेली में सरस हाट बनी है, लेकिन इनका लोगों को लाभ नहीं मिल सका। - अनिल यादव, तहसील अध्यक्ष भाकियू पुवायां
वर्ष 2016-17 में सरस काट में रंगाई पुताई, मिट्टी का कार्य कराया था। इसके बाद आवंटन कराने के लिए अधिकारियों से पत्राचार किया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। सरस हाट की दुकानों का आवंटन किया जाना चाहिए, जिससे शासन की मंशा सफल हो सके।- रैना देवी, प्रधान, जेबां-पुवायां
जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं अधिकारी
पुवायां के मंडी सचिव शैलेंद्र कुमार का कहना है कि उनके विभाग का सरस हाट से कोई लेना देना नहीं है। इस संबंध में सहकारिता विभाग ही कुछ बता सकता है। वहीं, एआर कोऑरेटिव को कहना कि सहकारिता विभाग सरस हाट नहीं बनवाता है। मंडी सचिव ही कुछ बता सकते हैं।
गांव जेबां की सरस हाट पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। जल्द ही कब्जा हटवाया जाएगा और दुकानों के आवंटन के बारे में प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
सौरभ भट्ट, एसडीएम पुवायां