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महंगाई: खाद्य तेलों और आटा के तेजी से उछल रहे दाम
बरेली ब्यूरो
Updated Wed, 18 May 2022 01:22 AM IST
शाहजहांपुर के बहादुरगंज बाजार में एक दुकान पर बिक्री के लिए रखे सरसों और अन्य खाद्य तेलों के डिब्
- फोटो : SHAHJAHANPUR
शाहजहांपुर। डीजल-पेट्रोल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के कारण खान-पान की वस्तुओं पर भी महंगाई की मार पड़ रही है। इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया तो घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम तेजी बढ़े हैं। बीते तीन माह की तुलना में खाद्य तेलों के भाव 20 से 30 रुपये लीटर बढ़ गए हैं।
उधर, यहां से विदेशों में निर्यात हो रहे गेहूं के कारण आटे के भाव भी बढ़ गए हैं। हालांकि, गेहूं के निर्यात पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन कारोबारियों के मुताबिक बाजार में गेहूं की आवक कम होने से अब आटा की कीमतें 26-27 रुपये किलो से नीचे आना मुश्किल है।
15 लीटर के खाद्य तेल के टिन के दाम तीन माह पहले 2500 रुपये के आसपास थे, जो अब 2850 से 2900 रुपये के बीच है।ं तेल कारोबारियों के अनुसार इंडोनेशिया से पाम ऑयल सीधे घरेलू बाजार में आता है। लेकिन, इंडोनेशिया ने घरेलू खपत पूरी करने के लिए पाम ऑयल के निर्यात पर रोक लगा दी है। लोगों की अन्य खाद्य तेलों पर निर्भरता बढ़ने से उनके दाम बढ़ रहे हैं।
बहादुरगंज गल्ला मंडी में किराना के थोक एवं फुटकर कारोबारी रामा गुप्ता का कहना है कि खाद्य तेलों के समानांतर विभिन्न कंपनियों के वनस्पति घी पैकेट भी तीन माह में करीब 10 से 15 प्रतिशत महंगे हो गए हैं। देशी घी के टिन के दाम भी करीब एक हजार रुपये चढ़ गए हैं। तीन माह पहले तक फुटकर विक्रेताओं को देशी घी का 15 किलो का टिन 5575 से 6000 रुपये का मिल रहा था जो अब 7000 रुपये तक बिक रहा है।
तीन माह में विभिन्न वस्तुओं की बढ़ी दरें: एक नजर
वस्तु तीन माह पहले अब
पेट्रोल (लीटर) 95.00 105.00
डीजल (लीटर) 87.00 97.00
रसोई गैस सिलिंडर 915.00 1030.00
सीएनजी (लीटर) 73.00 89.00
तेल/रिफाइंड टिन 2500.00 2810.00
देशी घी टिन 5575.00 6800.00
चौतरफा महंगाई भाड़ा महंगा होने का नतीजा
उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल कंछल गुट के जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश गुप्ता के अनुसार तेल और आटा के दाम बढ़ने के वैश्विक कारण हो सकते हैं, लेकिन पेट्रोलियम के दाम जिस तेजी से उछल रहे हैं, उसकी वजह से चौतरफा महंगाई दिख रही है। उनका कहना है कि डीजल के दाम बढ़ने से बाहर से आने वाली सभी वस्तुओं का भाड़ा भी बढ़ा है। बाहर से आने वाले फल-सब्जियों के दाम में भी उछाल दिख रहा है।
कारोबारियों की बात
भारत सरकार ने गेहूं कर निर्यात शुरू किया तो घरेलू बाजार में गेहूं के दाम चढ़े और उसी अनुपात में आटा महंगा हो गया है। सरकार ने गेहूं निर्यात पर रोक थोड़ा पहले लगाई होती तो सरकारी खरीद भी बेहतर होती और आटा के दाम प्रति किलो पांच रुपये नहीं बढ़ते। अब आटा का भाव स्थिर रहने की उम्मीद है। -राकेश गुप्ता, आटा व्यवसायी, बहादुरगंज गल्ला मंडी
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सरसों की नई फसल आ गई है, लेकिन तेल के दाम कम नहीं हुए। बाहर से पाम ऑयल की आवक थमना इसका मुख्य कारण है। लोगों ने विकल्प के तौर पर अन्य ब्रांडेड रिफाइंड तेल खरीदने शुरू किए तो उनकी कीमतें उछल गईं। हमें बाहर से जिस भाव पर माल मिलेगा, उसमें भाड़ा जोड़कर बेचना मजबूरी है। -घनश्याम गुप्ता, खाद्य तेल कारोबारी, बहादुरगंज गल्ला मंडी
शाहजहांपुर के बहादुरगंज बाजार में एक दुकान पर बिकने को रखा आटा। संवाद- फोटो : SHAHJAHANPUR
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