शाहजहांपुर। विद्युत निगम की रिवैंप (पुनरुत्थान) योजना के तहत 420 करोड़ रुपये की लागत से जिले के बिजली नेटवर्क को उच्चीकृत करने का काम जल्द शुरू होगा। इसके तहत हाईटेंशन लाइनों का नवीनीकरण, बिजली उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि, ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 33 केवी क्षमता के नए उपकेंद्रों का निर्माण, घरों व प्रतिष्ठानों पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने आदि के कार्य कराने के लिए निगम मुख्यालय ने चेन्नई की कंपनी यूनिवर्सल एमईपी वोल्टास लिमिटेड को जिम्मेदारी सौंपी है। दो चरणों में होने वाले मरम्मत और निर्माण के काम कराने से पहले बिजली नेटवर्क के सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है यह फरवरी के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
योजना के तहत जिले में विद्युत सुधार के तमाम कार्यों के साथ 33 केवी क्षमता के 38 नए उपकेंद्र निर्मित होने हैं। इसके तहत विभिन्न क्षमता के 1639 नए ट्रांसफार्मर लगाए जाने और जर्जर हो चुकीं 5426 किमी हाईटेंशन व लो-टेंशन लाइनें बदली जाएंगी। 33 केवी के दो उपकेंद्र शहरी क्षेत्र में प्रस्तावित किए गए, लेकिन उनके लिए शहर के बीच उपयुक्त जमीन नहीं मिलने के कारण उन्हें अब नगर निगम सीमा क्षेत्र में अटसलिया और निगोही मार्ग पर टिकरी में निर्मित कराने का निर्णय किया गया है।
एक वर्ष तक शासन स्तर पर अटके रहे कार्य प्रस्ताव
बिजली सुधार से संबंधित जन प्रतिनिधियों के कार्य प्रस्ताव स्वीकृति लिए करीब एक वर्ष पहले तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रामनरेश सरोज ने विद्युत निगम निदेशालय के माध्यम से शासन को भेजे थे। तब से यह प्रस्ताव शासन स्तर पर अटके रहे। सभी कार्य प्रस्तावों के टेंडर स्वीकृत होने के बाद गत सप्ताह यहां आए कार्यदायी संस्था के मुख्य अभियंता राजीव शर्मा ने अधीक्षण अभियंता पीतम सिंह को कार्य योजना समझाई।
लखनऊ की कंपनी को मिला सर्वे का काम
रिवैंप योजना की कार्यदायी संस्था के परियोजना प्रबंधक ने जिले के बिजली नेटवर्क का सर्वे कराने को लखनऊ की कंपनी मेसर्स ज्यूकॉक्स लिमिटेड के साथ अनुबंध किया है। इस कंपनी के सर्वेयर शहर समेत जिले में भ्रमण कर यह देख रहे हैं, कि जन प्रतिनिधियों से मिले प्रस्तावों के अनुरूप किस क्षेत्र में कितना काम कराया जाना है। यदि किसी लाइन को बदलना प्रस्तावित किया गया है तो उसकी भौतिक स्थिति का आकलन कर यह पता लगाया जाएगा कि लाइन क किस हिस्से में सुधार होना है। जिन क्षेत्रों में लाइनलॉस ज्यादा हो रहा है, वहां हाईटेंशन लाइनों समेत ट्रांसफार्मरों में ऊर्जा की खपत परखी जाएगी ओर उसी के अनुरूप क्षमता वृद्धि के कार्य होंगे।
रिवैंप योजना में प्रस्तावित कार्य
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33 केवी के नए उपकेंद्रों की स्थापना 38
33 केवी के पुराने उपकेंद्रों की क्षमता वृद्घि 22
पुराने उपकेंद्रों पर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर 21
विभिन्न क्षमता के नए ट्रांसफार्मरों की स्थापना 1639
मरम्मत योग्य हाईटेंशन लाइनें 1880.2 किमी
मरम्मत योग्य लोटेंशन लाइनें 3546.36 किमी
प्रीपेड स्मार्ट मीटर स्थापना (केवल नगरीय क्षेत्र) 1.50 लाख
वर्जन
निगम मुख्यालय से कई कामों के लिए अलग-अलग कार्यदायी संस्थाएं नामित की गई हैं। सर्वे के लिए लखनऊ की कंपनी को एक माह का समय दिया गया है। फरवरी के अंत तक सर्वे का काम पूरा होने के बाद कार्यदायी संस्था छह से आठ माह में मरम्मत और निर्माण कार्य कराएगी। ये सभी काम होने पर निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी। बिजली चोरी रुकेगी और लाइनलॉस भी कम होगा। - पीतम सिंह, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम