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रोजा। फर्जी वारिसान प्रमाण पत्र के सहारे जिला उद्योग केंद्र से रोजा की एक इंडस्ट्री का मालिकाना हक हस्तांतरण कराने के मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रमुख सचिव, उद्योग को जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में जिला उद्योग केंद्र की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
बता दें कि रोजा इंडस्ट्रियल स्टेट की यूनिट संख्या ए-13 सरदार सोहन सिंह के नाम आवंटित थी, जिनका निधन होने के बाद उनके वारिसानों ने इंडस्ट्रीज को अपने नाम हस्तांतरित कराने का प्रयास किया था। इसमें सोहन सिंह के पुत्र त्रिलोचन सिंह ने आरोप लगाया है कि सोहन सिंह के सात वारिसान थे, लेकिन उनके भाई यशपाल और ऋषिकेश पाल ने हेरफेर करके एसडीएम सदर के यहां से जारी सात वारिसों के स्थान पर छह वारिसों का प्रमाण-पत्र बनवा लिया। जिला उद्योग केंद्र में उसे दाखिल करके फैक्ट्री का हस्तांतरण ऋषिकेश पाल और चंद्रावती के नाम करा लिया। स्थानीय स्तर पर न्याय न मिलने पर त्रिलोचन सिंह ने मुख्यमंत्री के यहां गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को लेते हुए कि जांच प्रदेश के प्रमुख सचिव उद्योग को सैंापी गई और साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है। गौरतलब है कि यह चंद्रावती स्पीक एशिया फायनेंस कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले राम सुमिरन पाल की मां हैं। आरोप है कि स्पीक एशिया के रुपयों का निवेश इसी फैक्ट्री में किया गया है।
रोजा। फर्जी वारिसान प्रमाण पत्र के सहारे जिला उद्योग केंद्र से रोजा की एक इंडस्ट्री का मालिकाना हक हस्तांतरण कराने के मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रमुख सचिव, उद्योग को जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में जिला उद्योग केंद्र की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
बता दें कि रोजा इंडस्ट्रियल स्टेट की यूनिट संख्या ए-13 सरदार सोहन सिंह के नाम आवंटित थी, जिनका निधन होने के बाद उनके वारिसानों ने इंडस्ट्रीज को अपने नाम हस्तांतरित कराने का प्रयास किया था। इसमें सोहन सिंह के पुत्र त्रिलोचन सिंह ने आरोप लगाया है कि सोहन सिंह के सात वारिसान थे, लेकिन उनके भाई यशपाल और ऋषिकेश पाल ने हेरफेर करके एसडीएम सदर के यहां से जारी सात वारिसों के स्थान पर छह वारिसों का प्रमाण-पत्र बनवा लिया। जिला उद्योग केंद्र में उसे दाखिल करके फैक्ट्री का हस्तांतरण ऋषिकेश पाल और चंद्रावती के नाम करा लिया। स्थानीय स्तर पर न्याय न मिलने पर त्रिलोचन सिंह ने मुख्यमंत्री के यहां गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को लेते हुए कि जांच प्रदेश के प्रमुख सचिव उद्योग को सैंापी गई और साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है। गौरतलब है कि यह चंद्रावती स्पीक एशिया फायनेंस कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले राम सुमिरन पाल की मां हैं। आरोप है कि स्पीक एशिया के रुपयों का निवेश इसी फैक्ट्री में किया गया है।