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खादर के गांव जलमग्न, फसलें डूबीं
Shahjahanpur
Published by:
Updated Fri, 12 Jul 2013 05:33 AM IST
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बाढ़ प्रभावित लोगों ने फूंका सांसद का पुतला
- रामगंगा पर तटबंध बनवाने का झूठा आश्वासन देने का आरोप
- कट रहे गांवों का सिंचाई विभाग के अफसरों ने लिया जायजा
अमर उजाला ब्यूरो
मिर्जापुर। क्षेत्र में गंगा का जलस्तर गुरुवार को भी बढ़ा हुआ था, जिससे खादर के तमाम गांव कई दिन से जलमग्न हैं। कई गांवों की फसलें बाढ़ में डूब गईं हैं। उधर, रामगंगा के जलस्तर में गिरावट के साथ ही भू-कटाव की गति तेज हो गई है। रामगंगा से कट रहे गांव कुनिया शाहनजीरपुर का गुरुवार को सिंचाई विभाग के अफसरों ने जायजा लिया। वहीं एसडीएम ने गांव पहरूआ में एक तरफ नदी और दूसरी तरफ तालाब के बीच फंसे ग्रामीणों के निकास के लिए ग्राम प्रधान से तालाब में मिट्टी डलवाकर रास्ता बनवाये जाने के निर्देश दिए हैं। ग्राम प्रधान शोभा दीक्षित ने रास्ता बनवाना शुरू कर दिया है। उधर, कुनियां शाहनजीरपुर व पहरुआ के ग्रामीणों ने सांसद मिथलेश कुमार का पुतला फूंककर रोष जताया।
गांव के ध्रुवपाल सिंह, हस्वेंद्र सिंह, रमेश सिंह, रामकुमार सिंह, कंठकिशोर, रामनरेश सिंह, देवेंद्र सिंह, वीरपाल सिंह, नेत्रपाल सिंह आदि के मकान कट रहे हैं। ग्रामीण रामगंगा की इस विनाश लीला से बेहद परेशान हैं। गांव के वीरपाल की पत्नी मीना ने कहा कि उसकी 70 बीघा जमीन नदी निगल गई है। बेटे परदेश में मेहनत मजदूरी करने को मजबूर हैं।
गांव पहरूआ की स्थिति भी खराब है। नदी और गांव के तालाब के बीच फंसे रामलाल, राजाराम, भैयालाल, सेवकराम आदि के लिए निकलने का रास्ता नहीं होने की खबर अमर उजाला में छपने के बाद एसडीएम भरतलाल सरोज ने मौके पर पहुंचकर बीडीओ से तालाब को पटवाकर रास्ता बनवाने के निर्देश दिये। ग्राम प्रधान शोभा दीक्षित ने तालाब में मिट्टी डालवाकर रास्ता बनवाना शुरू कर दिया है।
उधर, गंगा की बाढ़ ने भी पिछला रिकार्ड तोड़ दिया है। बाढ़ से गांव पंखिया नगला, इस्लामनगर, बौना नगला, कमथरी, चितार, मस्जिद नगला, चौंराहार आदि जलमग्न गांवों का नायब तहसीलदार इरफान उल्ला खां, राजस्व निरीक्षक गिरीश चंद्र शर्मा, लेखपाल रामनरेश आदि ने जायजा लिया और पीड़ित परिवारों को आटा, दाल, चावल, बिस्कुट आदि राहत सामग्री वितरित कर लोगों के आंसू पोंछे। गंगा की बाढ़ से पहले ही खरीफ की फसलें नष्ट हो चुकी हैं, जो बची वह इस बार की बाढ़ ने निगल लीं हैं।
तटवर्ती गांव पहरूआ, कुनिया शाहनजीरपुर, हरिहरपुर, मौजमपुर, कीलापुर, मई खुर्द कलां आदि के ग्रामीणों में रामगंगा तटबंध बनवाने का झूठा आश्वासन देने वाले सांसद के प्रति भारी रोष व्याप्त है। बुधवार को जहां कुनियां शाहनजीरपुर के ग्रामीणों ने सांसद का पुतला फूंककर रोष भी जताया था। वहीं गुरुवार को पहरूआ के ग्रामीणों ने सांसद का पुतला दहन कर बाढ़ से हो रही इस विनाशलीला के लिए सांसद क ो जिम्मेदार ठहराया।
पुतला फूंकने वालों में रामप्रताप सिंह, हुकुमसिंह, जयसिंह, जितेन्द्र सिंह, प्रतीक कुमार, अजीत कुमार, कमलेश, ब्रिजरतन, गुड्डू, अनूप कुशवाहा, शनिप्रताप सिंह, मनोहरलाल, सूरजपाल सिंह आदि शामिल रहे।
बाढ़ प्रभावित लोगों ने फूंका सांसद का पुतला
- रामगंगा पर तटबंध बनवाने का झूठा आश्वासन देने का आरोप
- कट रहे गांवों का सिंचाई विभाग के अफसरों ने लिया जायजा
अमर उजाला ब्यूरो
मिर्जापुर। क्षेत्र में गंगा का जलस्तर गुरुवार को भी बढ़ा हुआ था, जिससे खादर के तमाम गांव कई दिन से जलमग्न हैं। कई गांवों की फसलें बाढ़ में डूब गईं हैं। उधर, रामगंगा के जलस्तर में गिरावट के साथ ही भू-कटाव की गति तेज हो गई है। रामगंगा से कट रहे गांव कुनिया शाहनजीरपुर का गुरुवार को सिंचाई विभाग के अफसरों ने जायजा लिया। वहीं एसडीएम ने गांव पहरूआ में एक तरफ नदी और दूसरी तरफ तालाब के बीच फंसे ग्रामीणों के निकास के लिए ग्राम प्रधान से तालाब में मिट्टी डलवाकर रास्ता बनवाये जाने के निर्देश दिए हैं। ग्राम प्रधान शोभा दीक्षित ने रास्ता बनवाना शुरू कर दिया है। उधर, कुनियां शाहनजीरपुर व पहरुआ के ग्रामीणों ने सांसद मिथलेश कुमार का पुतला फूंककर रोष जताया।
गांव के ध्रुवपाल सिंह, हस्वेंद्र सिंह, रमेश सिंह, रामकुमार सिंह, कंठकिशोर, रामनरेश सिंह, देवेंद्र सिंह, वीरपाल सिंह, नेत्रपाल सिंह आदि के मकान कट रहे हैं। ग्रामीण रामगंगा की इस विनाश लीला से बेहद परेशान हैं। गांव के वीरपाल की पत्नी मीना ने कहा कि उसकी 70 बीघा जमीन नदी निगल गई है। बेटे परदेश में मेहनत मजदूरी करने को मजबूर हैं।
गांव पहरूआ की स्थिति भी खराब है। नदी और गांव के तालाब के बीच फंसे रामलाल, राजाराम, भैयालाल, सेवकराम आदि के लिए निकलने का रास्ता नहीं होने की खबर अमर उजाला में छपने के बाद एसडीएम भरतलाल सरोज ने मौके पर पहुंचकर बीडीओ से तालाब को पटवाकर रास्ता बनवाने के निर्देश दिये। ग्राम प्रधान शोभा दीक्षित ने तालाब में मिट्टी डालवाकर रास्ता बनवाना शुरू कर दिया है।
उधर, गंगा की बाढ़ ने भी पिछला रिकार्ड तोड़ दिया है। बाढ़ से गांव पंखिया नगला, इस्लामनगर, बौना नगला, कमथरी, चितार, मस्जिद नगला, चौंराहार आदि जलमग्न गांवों का नायब तहसीलदार इरफान उल्ला खां, राजस्व निरीक्षक गिरीश चंद्र शर्मा, लेखपाल रामनरेश आदि ने जायजा लिया और पीड़ित परिवारों को आटा, दाल, चावल, बिस्कुट आदि राहत सामग्री वितरित कर लोगों के आंसू पोंछे। गंगा की बाढ़ से पहले ही खरीफ की फसलें नष्ट हो चुकी हैं, जो बची वह इस बार की बाढ़ ने निगल लीं हैं।
तटवर्ती गांव पहरूआ, कुनिया शाहनजीरपुर, हरिहरपुर, मौजमपुर, कीलापुर, मई खुर्द कलां आदि के ग्रामीणों में रामगंगा तटबंध बनवाने का झूठा आश्वासन देने वाले सांसद के प्रति भारी रोष व्याप्त है। बुधवार को जहां कुनियां शाहनजीरपुर के ग्रामीणों ने सांसद का पुतला फूंककर रोष भी जताया था। वहीं गुरुवार को पहरूआ के ग्रामीणों ने सांसद का पुतला दहन कर बाढ़ से हो रही इस विनाशलीला के लिए सांसद क ो जिम्मेदार ठहराया।
पुतला फूंकने वालों में रामप्रताप सिंह, हुकुमसिंह, जयसिंह, जितेन्द्र सिंह, प्रतीक कुमार, अजीत कुमार, कमलेश, ब्रिजरतन, गुड्डू, अनूप कुशवाहा, शनिप्रताप सिंह, मनोहरलाल, सूरजपाल सिंह आदि शामिल रहे।