शाहजहांपुर। उत्तराखंड त्रासदी को नजरअंदाज कर जिला अस्पताल परिसर में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित करने और अपने कक्ष में शराब परोसने के आरोप में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. नरायन दास अरोड़ा को शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस मामले की शिकायत विधायक राजेश यादव ने मुख्यमंत्री से की थी।
26 जून को जिला अस्पताल परिसर में सीएमएस कक्ष के पास हॉल में सीएमएस की ओर से एक कार्यक्रम हुआ। विधायक राजेश यादव ने 28 जून को जिले के प्रभारी मंत्री ओम प्रकाश सिंह से शिकायत की और आरोप लगाया कि उत्तराखंड त्रासदी को नजरअंदाज कर जिला अस्पताल में रंगारंग कार्यक्रम किया गया। मरीजों का ख्याल किए बिना आधी रात तक तेज आवाज में गीत संगीत हुआ। सीएमएस कक्ष में भोजन और मदिरा की व्यवस्था की गई। तमाम अफसरों-कर्मियों के अलावा पुलिस कर्मियों ने भी इसका लुत्फ लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी शिकायत की। इस पर शासन ने सीएमएस डा. अरोड़ा को निलंबित कर उन्हें बरेली मंडल के अपर निदेशक (स्वास्थ्य) कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। विधायक ने इस कार्यक्रम में शामिल रहे सीडीओ डा. रामशंकर मौर्य, एसडीएम सदर जयनाथ यादव, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसके सिंह, सीएमएस (महिला चिकित्सालय) डा. डीके सोनकर आदि के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की मांग की है।
त्रासदी को लेकर हुई थी शोक सभा: डॉ. अरोड़ा
शाहजहांपुर। डॉ. एनडी अरोड़ा इस बात से बेहद आहत हैं कि उनके विरुद्ध कोई कदम उठाने से पहले किसी भी सक्षम अधिकारी ने उनका पक्ष नहीं सुना। उन्होंने कहा कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की पहली बैठक लीक से थोड़ा हटकर आयोजित करने का ख्याल इसलिए आया कि हाल ही में आए डॉक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों का बेहतर स्वागत हो सके। डीएम कार्यक्रम में नहीं आ सके, लेकिन सीडीओ और एसडीएम सदर आए थे। सब कुछ अधिकारियों केसामने हुआ। उत्तराखंड त्रासदी में मारे गए लोगों के लिए कंडोलेंस भी हुई। निलंबन के बारे में जानकारी मिली है। मैं भी अपना पक्ष उच्चाधिकारियों केसमक्ष रखूंगा।
शाहजहांपुर। उत्तराखंड त्रासदी को नजरअंदाज कर जिला अस्पताल परिसर में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित करने और अपने कक्ष में शराब परोसने के आरोप में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. नरायन दास अरोड़ा को शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस मामले की शिकायत विधायक राजेश यादव ने मुख्यमंत्री से की थी।
26 जून को जिला अस्पताल परिसर में सीएमएस कक्ष के पास हॉल में सीएमएस की ओर से एक कार्यक्रम हुआ। विधायक राजेश यादव ने 28 जून को जिले के प्रभारी मंत्री ओम प्रकाश सिंह से शिकायत की और आरोप लगाया कि उत्तराखंड त्रासदी को नजरअंदाज कर जिला अस्पताल में रंगारंग कार्यक्रम किया गया। मरीजों का ख्याल किए बिना आधी रात तक तेज आवाज में गीत संगीत हुआ। सीएमएस कक्ष में भोजन और मदिरा की व्यवस्था की गई। तमाम अफसरों-कर्मियों के अलावा पुलिस कर्मियों ने भी इसका लुत्फ लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी शिकायत की। इस पर शासन ने सीएमएस डा. अरोड़ा को निलंबित कर उन्हें बरेली मंडल के अपर निदेशक (स्वास्थ्य) कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। विधायक ने इस कार्यक्रम में शामिल रहे सीडीओ डा. रामशंकर मौर्य, एसडीएम सदर जयनाथ यादव, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसके सिंह, सीएमएस (महिला चिकित्सालय) डा. डीके सोनकर आदि के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की मांग की है।
त्रासदी को लेकर हुई थी शोक सभा: डॉ. अरोड़ा
शाहजहांपुर। डॉ. एनडी अरोड़ा इस बात से बेहद आहत हैं कि उनके विरुद्ध कोई कदम उठाने से पहले किसी भी सक्षम अधिकारी ने उनका पक्ष नहीं सुना। उन्होंने कहा कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की पहली बैठक लीक से थोड़ा हटकर आयोजित करने का ख्याल इसलिए आया कि हाल ही में आए डॉक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों का बेहतर स्वागत हो सके। डीएम कार्यक्रम में नहीं आ सके, लेकिन सीडीओ और एसडीएम सदर आए थे। सब कुछ अधिकारियों केसामने हुआ। उत्तराखंड त्रासदी में मारे गए लोगों के लिए कंडोलेंस भी हुई। निलंबन के बारे में जानकारी मिली है। मैं भी अपना पक्ष उच्चाधिकारियों केसमक्ष रखूंगा।