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कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर धरना दिया
- जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
सिटी रिपोर्टर
शाहजहांपुर। पुवायां तहसील के गुटैया और आसपास के गांवों की जमीन पर चकबंदी नहीं किए जाने के विरोध में संबंधित ग्रामीणों का धैर्य सोमवार को जवाब दे गया। तमाम ग्रामीणों ने आज कलक्ट्रेट पर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन कर धरना दिया। बाद में डीएम रितु माहेश्वरी को ज्ञापन देकर गांव में चकबंदी जल्द शुरू कराने की मांग की।
बता दें कि देश की आजादी के समय हुए विभाजन के बाद पंजाब से विस्थापित होकर आए तमाम किसानों ने गुटैया की जंगली जमीन साफ करके उसके पट्टे अपने नाम कराए थे। इन्हीं में से कुछ किसानों ने बाद में गुटैया के मूल निवासियों की जमीन खरीदकर अपने झाले डाल लिए और खेती का काम परवान चढ़ने पर आसपास की जमीनें भी दबानी शुरू कर दीं। इससे मूल निवासी वहां से पलायन करने लगे।
इस बीच, जमीन कब्जाने वाले किसानों ने राजस्व विभाग से सांठगाठ करके कमिश्नरी में राज्य सरकार को प्रतिवादी बनाकर मुकदमे डाल दिए। इन वादों को इसलिए दायर किया गया कि दीवानी न्यायालय से चकबंदी स्टे मिल सके और यही हुआ भी। पिछले करीब 50 वर्ष से स्टे की आड़ लेकर गुटैया की चकबंदी नहीं हुई, जबकि इस संबंध में गत कई वर्ष से वहां के ग्रामीण अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
धरना-प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों का नेतृत्व करते हुए कांट क्षेत्र के गांव गुटैया भैंसटा से आए विक्रम सिंह ने डीएम को ज्ञापन देकर इन्हीं तथ्यों से अवगत कराया। उन्हें बताया: क्षेत्र के छह-सात असरदार फार्मरों ने करीब 30 हजार बीघा जमीन अवैध रूप से जोत रखी है। उनके पुरखे किसानों के आतंक से पीड़ित होकर सालों पहले गुटैया भैंसटा में जा बसे, लेकिन पांच दशक बीतने के बाद भी पुवायां क्षेत्र के गुटैया में चकबंदी नहीं कराई गई।
डीएम ने आश्वस्त किया कि इस बावत सीओ चकबंदी से वार्ता करके समस्या का निदान कराया जाएगा। धरना और प्रदर्शन में गिरिजा कुमार, अनीता, अनन्त राम, बाबू राम, ठाकुर प्रसाद, जालिम सिंह, राम बोल आदि शामिल रहे।