अब्दुल्लागंज की 33 केवी लाइन में फिर फाल्ट
- तमाम मोहल्लों में बिजली और पानी का हुआ संकट
सिटी रिपोर्टर
शाहजहांपुर। पॉवर कारपोरेशन के अफसर नेटवर्क की खामियों और उनसे पैदा होने वाली लाइन संबंधी खराबियों से कोई सबक लेने को तैयार नहीं हैं। इसी का नतीजा है कि गत सप्ताह दो बार फाल्ट के शिकंजे में आ चुकी रोजा-अब्दुल्लागंज सब स्टेशन के बीच की 33 केवी क्षमता वाली हाईटेंशन लाइन में गुरुवार को दिन ढले फिर से खराबी आ गई। खास यह रहा कि पेट्रोलिंग करने वाली टीमों को फाल्ट आज सुबह तक ढूंढे नहीं मिला। नतीजे में शहर के दो सब स्टेशनों से जुड़े तमाम मोहल्लों में पूरी रात और आज दोपहर तक सप्लाई ठप रहने से सैकड़ों घरों में पानी का संकट पैदा हो गया।
बता दें कि शहर के 33 केवी क्षमता वाले अब्दुल्लागंज और ककरा कलां सब स्टेशन के इनकमिंग फीडर रोजा के सब स्टेशन से जुड़े हैं। वहां बिजली सप्लाई पुवायां रोड के पैना स्थित 220 केवी ट्रांसमिशन सब स्टेशन से फीड की जाती है। इस तरह पैना से निकली एक ही लाइन से सीरीज में तीन सब स्टेशन जोड़ रखे गए हैं। परिणाम यह होता है कि आए दिन अधिक बिजली भार से यह लाइन ट्रिप हो जाती है या फिर उसके तार टूट जाते हैं।
लाइन लंबी होने से इस सर्किट पर लाइन लॉस भी ज्यादा हो रहा है। इसके बावजूद लाइन की लंबाई कम करने को कोई प्रयास नहीं हो रहे। इससे पहले कई व्यापार संगठन भी यही मांग कर चुके हैं कि ककरा कलां को सीधे पैना हाईडिल से सप्लाई देने की व्यवस्था हो जिससे कि लाइन फाल्ट और उससे पैदा होने वाले बिजली संकट से निजात मिल सके, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
बीती शाम कटौती अवधि खत्म होने के बाद शाम छह बजे अब्दुल्लागंज में लाइन चालू करने की कोशिश हुई, लेकिन इनकमिंग फीडर बंद रहा। उस वक्त दिन ढल चुका था। बावजूद इसके अब्दुल्लागंज स्टेशन के प्रभारी जेई अनुज श्रीवास्तव ने पहले उपकेंद्र के यार्ड में और बाद में आसपास की लाइन चेक कराई, लेकिन खराबी ढूंढे नहीं मिली। नतीजा यह हुआ कि पूरी रात और आज दोपहर तक अब्दुल्लागंज और ककरा कलां सब स्टेशन बंद रहे।
इन क्षेत्रों में गुल रही सप्लाई
लाइन फाल्ट के कारण शहर के चारखंभा, मतानी, चौक, बक्सरिया, जिया खेल, मोहम्मद जई, रंगमहला, खलील शर्की, खलील गर्वी, सिंजई, गर्रा फाटक, बाला तिराही, मदराखेल, आनंदपुरम, तिलहर जई, आजादपुरम, लोहारों का चौराहा, ककरा, फजीतापुर, अलीजई, महमंद जंगला, सरोदी बंगला, मामुड़ी, ईदगाह रोड, हद्दफ, बीबीजई हद्दफ आदि मोहल्लों में गुरुवार शाम छह बजे से आज दोपहर एक बजे तक बिजली सप्लाई ठप रही। इस कारण तमाम घरों में पानी का संकट पैदा हो गया क्योंकि छतों पर रखी टंकियां मोटर चलाकर भरी नहीं जा सकीं।
सीयूजी नंबर कर दिया फारवर्ड
18 घंटे बिजली संकट झेलने वाले उपभोक्ताओं की जवाबदेही से बचने के लिए ककरा कलां और रोजा सब स्टेशन के प्रभारी जेई पीसी सागर ने सुबह से दोपहर तक कोई कॉल रिसीव नहीं की और बाद में सीयूजी नंबर फारवर्ड मोड पर लगा दिया। घंटी बजने पर काल अब्दुल्लागंज के जेई अनुज श्रीवास्तव को अग्रेषित होती रही और वही काल रिसीव कर लोगों के सवालों का सामना करते रहे।
‘रात में लाइन चेक करने पर उसमें ऊपरी तौर पर कोई खराबी नजर नहीं आई। इसी वजह से रात भर लाइन ठीक नहीं हो सकी। आज सुबह भी दो तिहाई लाइन चेक करने के बाद काफी मुश्किल से टिपिकल फाल्ट पकड़ में आया। इस दौरान उपभोक्ताओं को हुई असुविधा के लिए खेद है।’
-जीके सक्सेना, एक्सईएन (सिटी), पॉवर कारपोरेशन
उधरनपुर में भी एक
माह से बिजली संकट
- कई बार शिकायत पर भी ध्यान नहीं दे रहे अभियंता
सिटी रिपोर्टर
शाहजहांपुर। सेहरामऊ दक्षिणी के समीपवर्ती गांव उधरनपुर में ट्रांसफार्मर फुकने से तमाम घरों के लोगों को गत एक माह से बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। सब स्टेेशन पर गांव के लोगों द्वारा कई बार शिकायत नोट कराने पर भी कोई अभियंता ट्रांसफार्मर बदलवाने में दिलचस्पी नहीं ले रहा।
बता दें कि जिले की सीमा पर स्थित उधरनपुर आबादी के लिहाज से हरदोई जिले का काफी बड़ा गांव है। वहां पॉवर कारपोरेशन के आंझी शाहाबाद सब स्टेशन से बिजली फीड की जाती है। सप्लाई के लिहाज से गांव को दो हिस्सों में बांटकर अलग-अलग ट्रांसफार्मर रखे गए हैं। इनमें से बड़े हिस्से को सप्लाई देने वाला ट्रांसफार्मर एक माह पहले ओवरलोडिंग से फुंक गया।
इस कारण उससे जुड़े तमाम घरों की बिजली सप्लाई ठप हो गई। स्थिति यह है कि बिजली संकट से प्रभावित लोगों को मोबाइल फोन की बैटरी चार्ज कराने के लिए दूसरे हिस्से में रहने वाले परिचितों के घरों तक की दौड़ लगानी पड़ती है। कई खंभों के बीच की लाइन के तार भी जर्जर होकर टूट चुके हैं जिस कारण वहां के लोग सौ-सौ मीटर दूर से कटिया डालकर बिजली का उपभोग कर रहे हैं। इस संबंध में आंझी सब स्टेशन पर लिखित शिकायतें दर्ज कराई गईं और जेई से मौखिक अनुरोध भी किया गया, लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने से हालात जस के तस बने हैं।