आजादी के दीवानों की गतिविधियों का खास केंद्र रहा है तुलापुर
- आठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देने वाले गांव में नहीं है मूलभूत सुविधाएं
अमर उजाला नेटवर्क
पुवायां। खुटार ब्लाक के गांव तुलापुर के लोग आज की व्यवस्था से बेहद खफा हैं, इसलिए कि इस गांव का जंग-ए-आजादी में ज्यादा ही योगदान रहा था। आठ स्वतंत्रता सेनानी इसी गांव ने दिए, मगर गांव समस्याओं से जूझ रहा है।
सन् 1940 के आसपास तुलापुर गांव आजादी के दीवानों की गतिविधियों का खास केंद्र था। हदीरा गांव के विष्णु स्वरूप भारती उस समय तुलापुर आए। अविवाहित थे। देश के लिए कुछ करने का जज्बा था उनमें। यहां उन्हें सात साथी और मिल गए। सो वह इसी गांव की माटी के होकर रह गए। बनवारीलाल शुक्ला, प्रेमशंकर शुक्ला, यदुनंदन प्रसाद शुक्ला, काशीप्रसाद शुक्ला, अयोध्या प्रसाद मिश्रा, जगदीश प्रसाद शुक्ला और चंद्रभाल के साथ श्री भारती की टीम क्षेत्र के बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ नारेबाजी और जनजागरण करने लगी। रेल की पटरियां उखाड़ डालीं। रेलवे के टेलीफोन तार काट दिए। भारती इतना जोशीला भाषण देते थे कि लोग उनके साथ आंदोलन में कूद पड़ते थे। उनकी टीम ने अंग्रेजी हुकूमत की नाक में दम कर दिया था।
पुलिस ने सभी को चार अप्रैल 1941 को गिरफ्तार कर 38 (1)ए डीआईआर के तहत जेल भेज दिया। सभी को छह माह का कारावास और 75 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। उस समय शाहजहांपुर के जेल अधीक्षक बीए जाफरी थे। 18 जुलाई 1941 को सभी को लखनऊ जेल भेज दिया गया। बताते हैं कि बनवारी लाल इस टीम में सबसे ज्यादा उग्र थे। जेल अधिकारी भी उनसे त्रस्त थे। जेल में ही उन्हें कोई जहरीला पदार्थ दे दिया गया। जेल से छूटने के कुछ ही दिन बाद उनकी मौत हो गई।
सेनानियों की याद में
बना पार्क बदहाल
खुटार। तुलापुर गांव में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में 1972 में बनाया गया पार्क दुर्दशा और उपेक्षा का शिकार होकर रह गया है। ग्रामीण बताते हैं कि गांव के स्कूल में पार्क बनाकर उसमें चबूतरे का निर्माण कर लाट लगवाई गई थी। लाट में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल गांव के सभी पुरोधाओं के नाम अंकित थे। कालांतर में देखरेख के अभाव में पार्क और लाट टूट गए। अब इस स्थान पर केवल चबूतरा शेष है। पार्क बनावाने के लिए शासन तक कई बार पत्राचार किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। यहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार वाले भी अपनी उपेक्षा से काफी परेशान हैं। गांव में खड़ंजा, नाली, बिजली आदि का हाल बेहद खराब है।