बाल विकास विभाग में फर्जी तरीके से नियुक्ति का आरटीआई में खुलासा
0 एक खीरी जिले के कुंभी और दूसरी खुटार ब्लाक में तैनात
0 असली और नकली गीता की पहचान में जुटीं डीपीओ
अनूप वाजपेयी
शाहजहांपुर। बाल विकास विभाग में एक नाम की दो महिलाएं हाईस्कूल के एक अंकपत्र के आधार पर नौकरी कर रही हैं। एक खुटार क्षेत्र के गांव हर्रायपुर तो दूसरी लखीमपुर खीरी जिले के कुंभी ब्लाक में तैनात है। आरटीआई के तहत मिली सूचना में यह खुलासा होने के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि किरन गुप्ता असली और नकली गीता की पहचान करने में जुटी हैं। ठीक ऐसा ही मामला पिछले दिनों बरेली में शिक्षा विभाग में खुला था। वहां दो बहनें एक ही प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रही थीं।
पुवायां तहसील के गांव अंडहा निवासी सर्वेश कुमार ने पिछले साल खीरी जिले में कुंभी ब्लाक के बिश्नूबेहड़ा आंगनबाड़ी केंद्र पर तैनात वर्कर गीता देवी पुत्री जगन्नाथ पत्नी उपेंद्र कुमार निवासी गांव परसैला के शैक्षिक प्रमाण पत्र हासिल करने को सूचना अधिकार कानून के तहत आवेदन किया था। इसके उत्तर में कुंभी की प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी/मुख्य सेविका ललिता वाजपेयी ने गीता का जो हाईस्कूल अंक पत्र और प्रमाण पत्र दिया वह खुटार ब्लाक केहर्रायपुर बरकलीगंज गांव में नियुक्त आंगनबाड़ी वर्कर गीता देवी पत्नी हरीराम की मार्कशीट और सनद से हूबहू मेल खाती है। दोनों के अंक पत्र वर्ष 1995 में गोला गोकर्णनाथ स्थित पब्लिक इंटर कालेज के तत्कालीन प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर से जारी हुए हैं। अंक पत्रों में न केवल एक जैसे विषय और प्राप्तांक हैं, बल्कि क्रमांक और अनुक्रमांक का नाम भी एक ही है। इसी तरह सनद में दोनों के पिता का नाम भी एक ही है।
आरटीआई आवेदक का दावा है कि हर्रायपुर (खुटार) की आंगनबाड़ी वर्कर गीता ने वास्तविक नाम ऊषा को छिपाते हुए बिश्नूबेहड़ा की वर्कर के अंक पत्र का नौकरी की खातिर इस्तेमाल किया, लेकिन अब अफसर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि फर्जी प्रपत्र और दूसरे की मार्कशीट से नौकरी करने वाली गुनहगार वर्कर कौन है? 00000000
‘यह प्रकरण आज ही मेरे संज्ञान में आया है। शिकायत मिली है कि हर्रायपुर की वर्कर गीता ने नौकरी पाने के लिए खीरी जिले में इसी नाम की आंगनबाड़ी वर्कर के अंक पत्र का प्रयोग किया है। इस बावत खुटार की सीडीपीओ से उसकी सेवा पत्रावली तलब की गई है। उसके अन्य प्रपत्रों की भी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। ’
-शशि किरन गुप्ता, डीपीओ, बाल विकास विभाग।