21 वर्ष पहले की गई थी जैनेंद्र की हत्या
- मुकदमे को दो आरोपी साक्ष्य के अभाव में छूटे
- एक अन्य आरोपी पर अलग से चलेगा मुकदमा
सिटी रिपोर्टर
शाहजहांपुर। प्रदेश के पूर्व आबकारी राज्यमंत्री रूपराम दिनकर के बेटे जैनेंद्र कुमार की इक्कीस वर्ष पूर्व हुई हत्या के बहुचर्चित मामले में अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी मुकदमे में दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। एक आरोपी की फाइल अलग कर दी गई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार बंडा क्षेत्र के गांव कुडरा निवासी बनवारी लाल ने अपने चचेरे भाई जैनेंद्र कुमार पुत्र रूपराम दिनकर की हत्या करने में गांव के बिजेंद्र और बिंद्रा के विरुद्घ 21 मार्च 1991 को थाना बंडा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
रिपोर्ट के अनुसार उसका भाई इन लोगों के साथ 28 फरवरी 1991 की रात को होली के लिए लकड़ी लेने गया था। होली पर लकड़ी डालने के बाद उसके भाई को यह लोग ले गए। रात को वापस न आने पर तलाश किया, तो ट्यूबवेल केपास जैनेंद्र की लाश मिली। पुलिस ने विवेचना के बाद इस मामले में बिजेंद्र, बिंद्रा और उनके गांव के छोटे, सियाराम के विरुद्घ आरोप पत्र अदालत भेजा।
अदालत में मुकदमा चलने के दौरान गवाहों के बयानात तथा सरकारी वकील नत्थूलाल के तर्कों को सुनने के बाद अपर जिला जज बाबू प्रसाद ने आरोपी बिजेंद्र को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास और 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी छोटे और सियाराम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बिंद्रा का मुकदमा अलग कर दिया गया।