वेटरनरी फार्मासिस्ट की पत्नी ने डीएम से की गुहार
- बहाली के बाद भी विभाग में नहीं दिया गया है कोई चार्ज
सिटी रिपोर्टर
शाहजहांपुर। पशु चिकित्सा विभाग के केंद्रीय भंडार में लाखों के घोटाले होने के बहुचर्चित मामले में आरोपी फार्मासिस्ट की पत्नी अनीता सिंह ने डीएम को पत्र देकर विभागीय अधिकारियों के उत्पीड़न से बचाने की गुहार की है। यही नहीं, उचित कार्यवाही नहीं होने पर सपरिवार आत्महत्या की चेतावनी दी है।
बता दें कि सदर के पशु अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट शिवकुमार सिंह को सेंट्रल स्टोर मेें दवाओं का घपला पकडे़ जाने के बाद निलंबित कर भावलखेड़ा अस्पताल से संबद्घ कर दिया गया था। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें दोबारा सदर अस्पताल में तैनात कर दिया गया, लेकिन अब उन पर गबन की आरोपित धनराशि की वेतन से रिकवरी का आदेश जारी किया गया है। इसी का विरोध करते हुए उनकी पत्नी ने अफसरों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
श्रीमती सिंह ने डीएम को दिए पत्र में कहा है: प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद विभागीय अधिकारी पति का आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न करने पर आमादा हैं। इसलिए उन्हें किसी प्रकार का कार्य और चार्ज नहीं दिया गया। आवासीय भवन आवंटित नहीं किए जाने के बावजूद वेतन से हाउस रेंट काटे जाने की शिकायत से चिढ़कर अधिकारी उन्हें झूठे मामलों में फंसाने और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
‘हाईकोर्ट के आदेश पर फार्मासिस्ट की योगदान आख्या ले ली गई है, लेकिन उसमें गबन की गई धनराशि की रिकवरी नहीं किए जाने जैसी कोई बंदिश नहीं लगाई गई है। वेतन से धनराशि की कटौती का आदेश उप निदेशक स्तर से जारी हुआ है। मुझे फार्मासिस्ट शिवकुमार की पत्नी से कोई प्रतिवेदन नहीं मिला है।’
-डॉ. सीएल पाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी