शाहजहांपुर। बारादरी पक्का तालाब स्थित शिवमंदिर पर चल रही श्री रामकथा में कथा व्यास रामकुमार मिश्र ने राम जन्म का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
श्री मिश्र ने सुनाया राजा दशरथ और कौशल्या जब पूर्व जन्म में मनु सतरूपा थे तब उनके तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया था कि वे उनके अगले जन्म में अंशों सहित उनके पुत्र बनेंगे, परंतु दशरथ का चौथापन आने के बाद भी जब उनके यहां कोई पुत्र नहीं हुआ तो गुरु वशिष्ठ के निर्देश पर उन्होंने श्रंगी ऋषि से पुत्रेष्टि यज्ञ कराया। यज्ञ से अग्नि देव खीर लेकर प्रकट हुए और राजा को देकर बोले कि इसे अपनी तीनों रानियों में यथायोग्य बांट दो। दशरथ ने वैसा ही किया। खीर खाकर तीनों रानियां गर्भवती हुईं और समय पूर्ण होने पर कौशल्या ने राम, कैकेयी ने भरत तथा सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। आयोजन में भगवानदास, विक्रम सक्सेना, जगदीश कुशवाहा, रामनरायन आदि का सहयोग रहा।